पकड़े गये आशीष के हत्यारे, बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे बदमाश..!

रायपुर क्राइम न्यूज
रायपुर क्राइम न्यूज : महादेव घाट में रविवार शाम आशीष बंजारे की चाकू मार हत्या एवं उमेश मस्कोले को बुरी तरह घायल करने वाले चारों बदमाश आरोपियों को डीडी नगर पुलिस ने पकड़ लिया है। घटना आपसी रंजिश का परिणाम बताई जा रही है। साथ ही यह भी कि अपराधी कितने बेखौफ हुए जा रहे हैं।
डीडी नगर पुलिस ने हत्या, घायल करने के आरोप में गिरीश यदु (बिट्टू), मुकेश यादव (बीड़ी), रवि ठाकुर, अमित यदु (छोटू) को गिरफ्तार किया है। घटना वाली देर रात ही पुलिस अधिकारियों के कडे निर्देशन बाद डीडी नगर पुलिस ने चारों को पकड़ लिया था। जिनको सोमवार को घटनास्थल से पुलिस थाना डीडी नगर तक कान-पकड़ उठक-बैठक कराते माफी मांगते पैदल लाई।
गौरतलब हो कि आशीष बंजारे, उमेश मस्कोले रविवार शाम महादेव घाट में बैठे थे। तभी चारों आरोपी गिरीश, मुकेश, रवि, अमित वहां पहुंचे। सभी के पास चाकू और अन्य हथियार थे। उन्होंने उमेश को लक्षित कर हमला कर दिया। जिस पर आशीष बीच-बचाव हेतु आया तो उस पर ताबड़-तोड़ चाकू से हमला कर दिया। जिससे आशीष की मौत हो गई। जबकि उमेश बुरी तरह घायल हो गया जिसका एम्स में इलाज चल रहा है स्थिति गंभीर है। पुलिस के अनुसार 2018 में आपसी रंजिश के चलते रवि, गिरीश ने उमेश के दोस्त रजत पाठक की चाकू मारकर हत्या बस स्टैंड पंडरी में कर दी थी। इसमें उमेश की भी भूमिका थी। तब से गिरीश, उमेश अंदर थे। दोनों के बीच इसी वजह से अनबन थी। कुछ दिनों पूर्व दोनों जेल से छूटे थे। शनिवार को इसी रंजिश को ले हुए झगड़े में उमेश ने गिरीश की जमकर पिटाई कर दी थी। इसी का बदला लेने गिरीश (बिट्टू) अपने साथियों के साथ महादेव घाट रविवार शाम पहुंचा और घटना को अंजाम दिया।
राजधानी में बदमाश कितने बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं उक्त घटना बताती है। कई बार लगता है कि जैसे गैंगवार चल रहा हो। अघोषित ही सही छोटे समूह (चार-पांच) में ही पर मोहल्ले में जैसे गैंग बन गए हैं। पुलिस भले हर मामले के दो-चार दिन के अंदर आरोपियों बदमाशों को पकड़ लेती हो पर मामले रुक नहीं रहे हैं। जो स्पष्ट करते हैं कि पुलिस का खौफ इन पर कतई नही है। पर इन बदमाशों का खौफ आमजनों में बने हुए हैं। जिस तरह जरा-जरा सी कहासुनी या मोबाइल, पर्स, अंगूठी, घड़ी-पैसा आदि छीनने (लूटने) के साथ चाकूमारी भी हो रही है वह बताती है कि पुलिस का डर, जेल जाने का भय, सजा होने तक का डर नहीं है। पकड़े जा रहे बदमाशों के आए दिन जुलूस, फिर जेल जाने का कोई डर नही ,इससे कोई सबक नही ले रहे हैं।