शहर समेत जिले में चोरी, लूट, धोखाधड़ी की घटनाएं लगातार जारी, 2023 का आकंड़ा जारी किया पुलिस

शहर में बढ़ते अपराध

शहर में बढ़ते अपराध

रायपुर न्यूज़ : जिला पुलिस ने हाल ही में अपनी सालाना दर्ज क्राइम रिपोर्ट जारी की। जिसे देखे तो वर्ष 2023 में हर दिन करीब 5 चोरी तथा हफ्ते में औसतन दो लूट की बात सामने आती है। यह दीगर बात है कि 2022 की तुलना में दोनों अपराधों में 2023 में कमी आई है। आरोप है कि मोबाइल लूट संबंधी रिपोर्ट लिखना पुलिस तकरीबन बंद कर चुकी है।

आमजनों की शिकायत है कि राह चलते बदमाश दुपहिया में अचानक पहुंच झपट्टा मार कर मोबाइल ले भाग जाते हैं। हजारों का उनका हेंडसेट रहता है ओर पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं करती। जिससे बड़ी मायूसी होती है कहा जाता है कि वरिष्ठ अधिकारी भी इस पर ध्यान नही देते। जबकि लूट की रिपोर्ट दर्ज कराना प्रार्थी का मौलिक अधिकार है। ऐसा होने से अपराधियों का हौसला ओर बढ़ता है। वर्ष 2023 में लूट के 87 मामले जिला पुलिस के पास पहुंचे। जबकि 2022 में यह संख्या 110 थी। इस तरह गिरावट दर्ज की गई। जिसमें पुलिस ने 50% से कम मामलों को सुलझाते हुए जो बरामदी की वह भी 50% से कम है।

चोरी के 1587 प्रकरण सामने आए। नकबजनी के 303 मामलों यहां भी वारदात में विगत वर्ष की तुलना में कमी आई। जबकि वर्ष 2022 में 1966 चोरी के एवं 630 प्रकरण नकबजनी के थे। प्रार्थियों का यह भी आरोप है कि चोरी के मामलों में पुलिस संपत्ति की दर आधे से कम दर्ज करती है। पर बरामदी की दशा में तात्कालिक बाजार मूल्य दर्शाती है। ऐसे में स्वाभाविक है कि आमजन का आक्रोशित होना साथ ही उसका भरोसा पुलिस के प्रति डगमगाता है।

धोखाधड़ी के 2023 में 342 प्रकरण आए। जबकि 2022 में यह आंकड़ा 359 था। डकैती के 5 प्रकरण दर्ज हुए। 31आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। खैर भले ही वर्ष 22 की तुलना में 23 में अपराध थोड़े कम दर्ज होने पर पुलिस स्वयं की पीठ थपथपा ले पर रिपोर्ट न लिखने, बरामदी में कमी, धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ न पाना नाकामयाबी कही जाएगी। जानकारों का कहना है कि चोर दोपहर में घूमकर रैंकी करते हैं। वे जब निश्चित हो जाते हैं कि घर पर कोई नहीं रहता। यही मौका पाते ही बड़े आराम से घर का सामान पार कर देते हैं। खैर पुलिस टीम सुबह से रात तक पेट्रोलिंग रुक-रुककर करती है।

(लेखक डा. विजय )

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