भारतीय कुश्ती महासंघ के सूरमाओं के झगड़े, जंतर-मंतर में जूनियर पहलवानों कहा हमारा करियर बर्बाद कर दिया-विनेश, साक्षी, बजरंग ..!

कुश्ती महासंघ विवाद
कुश्ती महासंघ विवाद: बड़ों के झगड़ों के मध्य छोटे पीसते हैं या कि भारतीय संस्कृति कहती है कि बड़ों को छोटों के आगे ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए कि छोटों पर गलत प्रभाव पड़े। इससे उनका करियर प्रभावित होता है।
उपरोक्त बात भारतीय कुश्ती पर फिलहाल फिट बैठती दिखती है। दरअसल करीब 5-6 महीनें से भारतीय कुश्ती महासंघ के निवृत्तमान अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के ऊपर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया एवं साथियों ने जमकर धरना, प्रदर्शन किया था। आखिर बृजभूषण को हटाया गया, महासंघ भंग किया गया। दूसरा चुनाव हुआ तब हाल ही में संजय सिंह निर्वाचित हुए। तब फिर साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया ने विरोध जताया एवं संजय सिंह को बृजभूषण का आदमी बताया। बृजभूषण ने भी टवीट कर कहा था- दबदबा था, दबदबा रहेगा। विनेश, साक्षी, बजरंग ने अपने पदक राजपथ पर छोड़ दिए थे, तब खेल मंत्रालय ने संजय सिंह के कार्यकारिणी वाली नए महासंघ के निलंबित कर तदर्थ समिति बनाई। जिसमें कुछ नामी, गैर विवादस्पद लोगों को समिति में रखा गया है। समिति को जूनियर पहलवानों के लिए राष्ट्रीय स्तर का आयोजन करने का जिम्मा सौंपा गया है।
उक्त सबके मध्य पुलिस-प्रशासन को भनक तक नहीं लगी ओर बुधवार को सैकड़ो जूनियर पहलवानों, बसों में भरकर जंतर-मंतर पहुंच गए। वे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली से पहुंचे हैं। जबकि 300 जूनियर पहलवान छपरौली, बागपत के पास से आए हैं। सुरक्षा कर्मियों को इन्हें नियंत्रित करने हेतु कड़ा संघर्ष करना पड़ा। ये जूनियर पहलवान आरोप लगा रहें है कि सीनियर पहलवानों क्रमशः बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक आदि के चलते उनका (जूनियर पहलवानों) एक साल का करियर खराब हो गया। जिसका विरोध जताने पहुंचे हैं। वे हाथों में तख्ती,बैनर लिए हुए थे, जिस पर-लिखा है- कर दिया देश की कुश्ती को बर्बाद, साक्षी, बजरंग, व विनेश फोगाट। बहरहाल इस कथित नए धरना प्रदर्शन को लेकर अभी उक्त तीनों नामी पहलवानों की प्रतिक्रिया नहीं आई है। और न ही बृजभूषण या संजय सिंह की। पर धरना-प्रदर्शन को लेकर कई तरह की चर्चाएं जरूर चल पड़ी हैं।