New Delhi: “मैं स्वसहायता समूहों से जुड़ी दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना चाहता हूं” – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

New Delhi: मैं स्वसहायता समूहों से जुड़ी दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना चाहता हूं। मोदी ने देवास की रुबीना खान से पूछा कि क्या वह इन प्रयासों में उनकी मदद करेंगी। जब रुबीना से पूछा कि वह अपने समूह की कितनी महिलाओं को लखपति बनाना चाहेंगी।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में काम कर रहे स्वसहायता समूहों की दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना उनका सपना है। विकसित संकल्प यात्रा को लेकर मध्य प्रदेश के देवास जिले के हितग्राहियों के साथ सरकारी कार्यक्रमों के हितग्राहियों से वर्चु्अल बातचीत के दौरान मोदी ने अपने इस मिशन के लिए महिलाओं को साथ देने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं स्वसहायता समूहों से जुड़ी दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाना चाहता हूं। मोदी ने देवास की रुबीना खान से पूछा कि क्या वह इन प्रयासों में उनकी मदद करेंगी। जब रुबीना से पूछा कि वह अपने समूह की कितनी महिलाओं को लखपति बनाना चाहेंगी। इस पर उन्होंने कहा कि मैं देश की हर महिला को लखपति बनाना चाहूंगी। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि “यह तो राजनीतिक जवाब हो गया।” यह सुनते ही ग्रुप की सभी सदस्य हंस पड़ी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भोपाल से वर्चुअली इस बातचीत के साक्षी बने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनके पास बहुत-से काम हैं, लेकिन इस तरह की पहल में उनका सहयोग चाहिए होगा। इस पर सभी ने एकमत होकर कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना चाहेंगी। रुबीना ने कहा कि वह आजीविका मिशन के तहत बने स्वसहायता समूहों से जुड़ी 1.03 लाख महिलाओं की ओर से प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं देना चाहती हैं। इस पर पीएम मोदी ने आश्चर्य जताया और यह आंकड़ा दोहराने को कहा। रुबीना ने यह भी बताया कि स्वसहायता समूह से जुड़ने के बाद उसने अपनी सोसाइटी से पांच हजार रुपये का कर्ज लिया और अपने घर से कपड़े बेचने शुरू किए। उसका पति मोटरसाइकिल पर जाकर कपड़े बेचने लगा। जब काम बढ़ा तो उन दोनों ने मिलकर सेकंड हैंड मारुति वैन खरीदने का फैसला किया। मोदी ने चौंकते हुए फिर दोहराने को कहा कि रुबीना ने किस वाहन को खरीदा है?
मोदी ने कहा कि तुम्हारे पास मारुति वैन है और मेरे पास तो एक साइकिल तक नहीं है। इस पर समूह की सभी महिलाएं एक साथ हंस पड़ी। रुबीना ने बताया कि उनका कारोबार चल पड़ा और अब उन्होंने देवास में एक दुकान ली है और अच्छा काम कर रहे हैं। रुबीना ने पीएम मोदी को यह भी बताया कि क्लस्टर रिसोर्स परसन (सीआरपी) के तौर पर उसे और समूह की अन्य महिलाओं को सरकारी कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी मिल रही है। अब जिले के 40 गांवों में एसएचजी बनाकर उसका लाभ ले रही हैं।कोविड-19 की बात करते हुए रुबीना ने कहा कि शुरुआती प्रतिरोध के बाद उनके समूह की महिलाओं ने खतरनाक वायरस से निपटने के ली मास्क, सैनिटाइजर और किट्स बनाए और सभी ने उससे 60 से 70 हजार रुपये कमाए। इस पर मोदी भी हतप्रभ रह गए। इस तरह का काम करते हुए उन्होंने न केवल राष्ट्र सेवा की बल्कि मुश्किल समय में कमाने के रास्ते भी खोज निकाले।
प्रधानमंत्री के पूछने पर रुबीना ने बताया कि उसकी दो बेटियां हैं और दसवीं तक पढ़ी हैं। उसका एक बेटा भी है। मोदी ने बेटियों को और पढ़ाने की सलाह भी दी। रुबीना ने पीएम मोदी को यह भी बताया कि उसने अपने बेरोजगार बेटे के लिए एक टवेरा वाहन खरीदा है। बैंक अधिकारियों की एक टीम उनके गांवों में आई थी और उसने ही सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी सबको दी। मोदी ने रुबीना के आत्मविश्वास को सराहा और कहा कि महिलाओं का यह आत्मविश्वास ही देश को आत्मनिर्भर बना सकता है।