Job Vacancy : स्वास्थ्य विभाग में 6300 पदों पर निकली वैकेंसी, इस तरह से करें अप्लाई…
Nursing and Paramedical Staff Recruitment : प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ के 6300 से ज्यादा पदों पर भर्ती अटक गई है। यह भर्ती आचार संहिता नहीं बल्कि आरक्षण रोस्टर के कारण फाइनल नहीं हो पा रही है।
Nursing and Paramedical Staff Recruitment : प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ के 6300 से ज्यादा पदों पर भर्ती अटक गई है। यह भर्ती आचार संहिता नहीं बल्कि आरक्षण रोस्टर के कारण फाइनल नहीं हो पा रही है। (job vacancy) पहली बार प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक साथ भर्ती होनी थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर शासन ने यह भर्ती व्यापमं से कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए व्यापमं की ओर से भी हरी झंडी मिल गई थी। (cg job vacancy) अब तक आरक्षण रोस्टर फाइनल नहीं होने के कारण चिकित्सा शिक्षा विभाग आचार संहिता के पहले व अब व्यापमं को प्रस्ताव भेज नहीं पाया है। भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होने से युवा भी निराश हैं।
शासन ने पिछले साल मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों में व्यापमं से सीधी भर्ती कराने का निर्णय लिया था। (chhattisgarh job vacancy) यह प्रस्ताव डीएमई कार्यालय ने बनाया था, ताकि सभी कॉलेजों व अस्पतालों में भर्ती एक साथ हो सके। पिछले साल तक 4 हजार पदों में भर्ती की जानी थी, लेकिन पदों की संख्या बढ़कर अब 6300 से ज्यादा पहुंच गई है। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ का पद तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में आता है। पद खाली होने के कारण रायपुर समेत अन्य मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। अस्पतालों में स्टाफ नर्स से लेकर रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, आया समेत अन्य पद खाली है। (cg job vacancy) आरक्षण रोस्टर का मामला स्पष्ट होने से भर्ती की राह खुलने की संभावना है। आरक्षण रोस्टर का पेंच नहीं हटने से भर्ती के लिए इंतजार कर रहे युवाओं में भी मायूसी है। भर्ती मेरिट के अनुसार करने का प्रस्ताव है।
संविदा भर्ती भी नहीं आरक्षण रोस्टर जरूरी
मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में नियमित की तरह संविदा में भी भर्ती भी नहीं की जा सकती। दरअसल नियमित व संविदा भर्ती में आरक्षण रोस्टर के नियम का पालन करना जरूरी है। प्रदेश में पिछले साल तक 58 फीसदी आरक्षण था। (job vacancy) इसमें एसटी को 32, ओबीसी को 14 व एससी को 12 फीसदी आरक्षण था। अब आरक्षण रोस्टर पर पेंच है इसलिए संविदा भर्ती अटक गई है। इसलिए अंबेडकर अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों में दैनिक वेतनभोगी के बतौर स्टाफ नर्स की भर्ती की गई है। इन्हें कलेक्टर दर पर वेतन दिया जा रहा है। हालांकि इस साल चुनाव के पहले केबिनेट ने 58 फीसदी आरक्षण के अनुसार भर्ती करने को कहा है।