Bilaspur News: खंडहर में तब्दील होता नजर आ रहा स्कूल, जान जोखिम में डाल कर 159 बच्चे करते हैं शिक्षा अध्ययन

Bilaspur News: वर्ष 2017 से लेकर अब तक इस स्कूल भवन का छत जिसपर टीन सेड लगाया गया है , कई बार उड़ कर गिर चुका है । जिसके कारण स्कूल में बंदर और कबूतरों का डेरा लगा रहता है । छत पर ढलाई नही होने से बार – बार टीन शेड का गिरना और फिर उसी के नीचे इतने सारे बच्चों का स्कूल संचालित होना कहीं न कहीं के किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देना कहा जा सकता है ।
Bilaspur News: बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर कोटा विकास खंड के प्राथमिक शाला धरमपुरा में स्कूल भवन की दशा किसी अनजान अनहोनी का इंतजार करते नजर आ रही है । स्कूल भवन की दुर्दशा की जानकारी के बाद भी जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग इस पर कोई ठोस पहल करते दिखाई नही दे रही है ।
विकास खंड कोटा के वार्ड क्रमांक 13 धरमपुरा में टापू इलाके में अविभाजित मध्यप्रदेश शासन काल 1988 में स्कूल का निर्माण कराया गया था । अब यह प्राथमिक विद्यालय अपने जर्जर हालत की ओर बढ़ रही है , जिसे मरम्मत की आवश्यकता है । वर्ष 2017 से लेकर अब तक इस स्कूल भवन का छत जिसपर टीन सेड लगाया गया है , कई बार उड़ कर गिर चुका है । जिसके कारण स्कूल में बंदर और कबूतरों का डेरा लगा रहता है । छत पर ढलाई नही होने से बार – बार टीन शेड का गिरना और फिर उसी के नीचे इतने सारे बच्चों का स्कूल संचालित होना कहीं न कहीं के किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देना कहा जा सकता है ।
आपको बड़ा दें कि यहां पहली से कक्षा पांचवी तक की कक्षाएं लगती है, जिसमे 159 बच्चे शिक्षा अध्ययन करते हैं,इन बच्चों के लिए 1 प्रधानपाठक और 5 शिक्षक पदस्थ हैं। सभी विद्यार्थियों के लिए 5 कमरे भी बनाए गए हैं इसके साथ ही अतिरिक्त कमरे भी बनाये गए हैं लेकिन वर्तमान समय में दो कमरों में शेड नही है । जिसके कारण बच्चों को एक अतिरिक्त कमरे में और प्रधान पाठक के कार्यालय में ही एक कक्षा की पढ़ाई की जाती है । कुल मिलाकर देखा जाए तो कार्यलय सहित 3 कमरों में 159 बच्चों को पढ़ने की व्यवस्था की गई है । इस तरह की व्यवस्था से बच्चों सहित 6 शिक्षकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।
इस संबंध में जानकारी देते हुए स्कूल की प्रधान पाठिका ने बताया कि वो पिछले दो सालों से इस स्कूल में पदस्थ हैं और स्कूल की मरम्मत और अधूरे व्यवस्था को पूर्ण कराने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी लिखित में दी गयी थी लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी इस मामले पर स्थायी समाधान नही किया गया है , जिससे आकस्मिक अनहोनी की आशंका बनी हुई है ।
स्कूल भवन के निर्माण को लगभग 40 वर्ष पूरे होने को हैं और इसकी स्थिति दिनों- दिन खराब होती नजर जा रही है, बरसात के समय मे स्कूल के कमरों में पानी का रिसाव होता है , जगह – जगह पानी टपकता है , बच्चे ठीक से पढ़ाई नहीं कर पाते लेकिन जवाबदार जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारी इस मामले पर आंख बंद कर अनहोनी के इंतजार में हैं । कोटा विकास खंड के शिक्षा अधिकारी ने विजय टाण्डे ने कहा कि जिला कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को इस बात की जानकारी दे दी गयी है।
इस संबंध में जिले के जवाबदार कलेक्टर ने कुछ भी कहने से मना कर दिया । बहरहाल देखना होगा कि इस विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद राज्य की सरकार या जिला प्रशासन इस पर किस तरह से पहल करती है !