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रायपुर न्यूज नीट पीजी : एनएमसी के जीरो पर जीरो परसेंटाइल से प्रवेश का निर्देश बाद कम अंक के साथ पीजी

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रायपुर न्यूज नीट पीजी : मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी गिरेगी- विशेषज्ञ

रायपुर न्यूज नीट पीजी : नेशनल मेडिकल कमीशन ( एनएमसी) द्वारा मेडिकल कालेजों में पीजी के रायपुर न्यूज नीट पीजी कोर्स में खाली सीटों को देखते हुए देश भर में नीट पीजी में जीरो परसेंटाइल अंक वालों को एडमिशन देने निर्देशित कर रखा है। नतीजन राज्य के अंदर 700 में से महज 34 अंक नीट पीजी में पानी वाले विद्यार्थी को निजी मेडिकल कॉलेज में पीजी में दाखिला मिल गया हैं।

प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) के तहत एमडी एवं एमएस में की क्रमशः 30 एवं 05 सीटें हैं। जिन्हें भरने हेतु राउंड शुरू हो गया है। कट आफ मार्क्स गिरने के कारण एनएमसी को जीरो परसेंटाइल से पीजी में प्रवेश देने का निर्णय करना पड़ा था। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में कट ऑफ मार्क्स 162 गया है। जबकि 700 में महज 34 अंक पाने वाले एक विद्यार्थी को निजी मेडिकल कालेज में दाखिला मिल गया है।

राज्य में 7 सरकारी एवं 2 निजी मेडिकल कालेज हैं। जिनमें पीजी अंतर्गत कुल 520 सीटें हैं। इनमें 400 अकेले सरकारी कालेजों में है। शेष निजी कॉलेजों में इनमें से ऑल इंडिया के लिए आधी सीटें रिजर्व (सुरक्षित) हैं।

चार चरणों की काउंसलिंग प्रवेश हेतु निपट जाने के बावजूद प्रदेश के सरकारी मेडिकल कालेजों में 30 सीटें खाली हैं। जिसे भरने शुक्रवार 24 नवंबर से ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो गया हैं। जो 30 नवंबर तक चलेगा। बताया जा रहा है कि प्रैक्टिस हेतु विकल्प नहीं होने से नॉन क्लीनिकल विभाग मसलन एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, फॉरेंसिक व कम्युनिटी मेडिसिन की पीजी की सीटें नहीं भर पा रही है। दरअसल इनमें प्रैक्टिस का स्कोप (अवसर) नहीं के बराबर है। लिहाजा जिन्हें टीचिंग में रुचि होती हैं। वे ही नॉन क्लीनिकल विभाग में प्रवेश लेते हैं।

उधर बालाजी मेडिकल कॉलेज के चेयरमेन डॉक्टर देवेंद्र नायक का ततसंबंध में कहना है कि पीजी कोर्स में जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देना खतरनाक है। इससे न केवल मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी गिरेगी। वरन अच्छे डॉक्टर भी नहीं निकलेंगे। एनएमसी ने नॉन क्लीनिकल विभागों में सीटों को भरने कवायद है। सेवानिवृत्त डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज डॉक्टर सी. के. शुक्ला का कहना है कि पीजी में प्रवेश एमबीबीएस में मिले नंबरों के आधार पर होना चाहिए। चूंकि छात्र वैसे भी कड़ी परीक्षा बाद एमबीबीएस में प्रवेश लेने का मौका पाते हैं। इसलिए पीजी प्रवेश हेतु प्री टेस्ट (पूर्व परीक्षा) की जरूरत नहीं हैं। एनएमसी को ततसंदर्भ में विचार करना चाहिए।

(लेखक डॉ.विजय )

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