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World Cup Final 2023 : यह क्या बात- शेर को कंगारू ने दी मात, घर पर खिताब चूकना कसकता रहेगा ..!

World Cup Final 2023 :

World Cup Final 2023 :

World Cup Final 2023 : ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 6 विकेट से खिताब अपने नाम किया।

World Cup Final 2023 : यह क्या बात- शेर को कंगारू ने दी मात, घर पर खिताब चूकना कसकता रहेगा। ..!जो कोई नहीं World Cup Final 2023  यह क्या बात- शेर को कंगारू ने दी मात, घर पर खिताब चूकना कसकता रहेगा। ..! चाहता था वही हो गया। ऐसे में बुरा लगना, खलना, दुख होना, निराशा, स्तब्धता स्वाभाविक चीज है। अहमदाबाद में रविवार की शाम -रात भारत के नाम नहीं थी। पर सारी तैयारी शायद उसी के खासे परिपेक्ष्य में की गई थी ! यह दीगर बात है कि हर भारतीय खिलाड़ी ने अपना सर्वोच्च देने का प्रयास किया। पर आखिरकार चालाक कंगारू डाज (धोखा) मात दे ख़िताब ले उड़ा। शेर की आस फिर अधूरी रह गई। जो अगले विश्वकप तक बेशक चुभती -कसकती रहेगी। बावजूद हमारे खिलाड़ियों ने लीग की शुरुआत से आखिर तक विजय का जज्बा लेकर खेला। सबका दिल जीता- भले खिताबी भिंड़त गंवा दिया हो।

नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पिच को लेकर कहा जाता रहा हैं कि शाम बाद ओस की बूंदे पड़ने से यहां बालरो को तकलीफ होती है। गेंद टर्न नहीं लेती तो वही स्विंग भी ढंग से नहीं होती। फाइनल को मिलाकर यहां खेले गए 5 मैच में 4 बार बाद में बैटिंग करने वाली टीमे जीती। टॉस जीत ऑस्ट्रेलिया ने भी इसलिए पहले गेंदबाजी चुनी। यहां पर भारतीय टीम निराशा हुई। बावजूद कप्तान रोहित ने हमेशा की तरह अच्छे हाथ दिखाते हुए ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को धुनते हुए महज 32 बाल में 47 रन पीट डालें। पर इनका आउट होना महंगा पड़ गया। शुभमन गिल महज 04 रन पर आउट हुए। जबकि उनसे अच्छी आशा टीम को थी। इसी तरह श्रेयस अय्यर अच्छे खेले थे लीग,सेमीफाइनल तक परंतु वे भी 04 रन ही बना पाए। कोहली ने फिर अच्छा हाथ दिखाया एवं 63 गेंदों पर 54 रन बनाया। परन्तु उन्होंने अय्यर के साथ 67 रन की साझेदारी के लिए 109 गेंद खर्च कर डाले। जो आखिर में खूब खला। 46 गेंदे खाली रह गई।

राहुल ने 66 रन बनाने के लिए 107 गेंद खेली। यानी 43 खाली रह गई। इस तरह दो विकेटों के दौरान 89 गेंद खाली जाना आखिर तक खूब खला। जडेजा, सूर्य कुमार, शामी, बुमराह, कुलदीप दबाव में आ गए। ऐसा नहीं की गेंदे जानबूझकर खाली जाने दी पर कम रन होने से खतरा मोल लेना पसंद नहीं किया गया नतीजन 89 गेंद खाली चली हैं। फिर कंगारूओं ने उम्दा क्षेत्ररक्षण किया और अतिरिक्त कस दिए। नतीजन भारत महज 240 रन बना। 50 ओवर में आउट हो गया। स्टार्क ने 55 पर 3, हेजलवुड ने 60 पर 2, कमिंस ने 34 पर 2, तथा जांपा पर 44,पर 1 मैक्सवेल ने 35 रन देकर 1 विकेट लिया। कमिंस,जांपा, मैक्सवेल की कसी हुई गेंद स्टार्क, कमिंस, हेजलवुड की उम्दा गेंदबाजी भारतीय ज्यादा खुल नहीं पाए।

241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने तेज शुरुआत की उसने 5 ओवर के अंदर 45 रन बना डालें। इस दौरान 2 विकेट खो दि। 47 रन पर तीन महत्वपूर्ण विकेट क्रमशः वार्नर,मार्श, स्मिथ का शामी बुमराह ने सस्ते में छीना।तब लगा कि भारत मैच जीत लेगा। पर यही पर ट्रेविस हेड का कैच छूटना आगे चलकर मैच छूटना साबित हुआ। हेजलवुड और लाबुशैन ने 192 रन की साझेदारी कर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। धीमी होती पिच पर उम्दा भारतीय गेंदबाज ज्यादा प्रभावशील नहीं रह पाए। ट्रेविस हैड ने जीवनदान का फायदा उठा 137 रन ठोक दिए। महज 120 गेंदों पर जिसमें 15 चौक 4 छक्का शामिल है। जब आउट हुए तब जीत के दरवाजे पर दस्तक देकर पवेलियन गए। लाबुशैन ने 58 रन 110 गेंदों पर बनाए। उसने बेशक 42 गेंद खाली जाने दी। पर हेड को साथ दे, टीम के लिए अपना विकेट बचाए रखा। मैक्सवेल ने खानापूर्ति कर विजयी शाट लगाया। 43 ओवर में कंगारूओं में 4 विकेट पर 241 रन का लक्ष्य पा लिया। और 6 विकेट से खिताबी भिड़ंत जीत लिया। और छठवीं बार कंगारूओं ने वर्ल्डकप अपने कब्जे में कर लिया पूरे लीग, सेमीफाइनल तक बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम का रविवार अच्छा दिन शायद नहीं था। टॉस भी साथ नहीं दिया।

कंगारुओं ने लीग मैचों में 2 मैच हारने के बाद खुद को सम्हाल लिया। दरअसल, अनुभव, जज्बा, लगन, व्यूहरचना, रणनीति बनाने में कंगारू माहिर है। और यह चीज इससे आगे कि फाइनल में लक्ष्य का पीछा करने उतरे नो महज 5- 6 ओवर में 50 रन पीट डाला। ट्रेविस हेड को प्लेयर ऑफ द मैच, विराट कोहली को 765 रन बनाने पर प्लेयर मैं ऑफ द सीरीज, खिताब मिला। हेड चौथे खिलाड़ी बने जिसने सेमी फाइनल एवं फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच खिताब जीता है। शामी ने 7 मैच में सर्वाधिक 24 विकेट लिए। जांपा ने 23 विकेट(1 मैच के लिए) रोहित ने 597, डिकॉक ने 594, रचिन 575, मिचेल ने 552 रन बनाए। मधुशांका ने 21, बुमराह -कोएट्जे ने 20-20 विकेट लिए।

बहरहाल खेल में हार जीत लगी रहती है। पर फाइनल गंवाना तकलीफ देह एवं चुभने वाला होता है। जिसकी कसक अगले मौके तक रह जाती है। कंगारूओं ने 20 साल पूर्व का इतिहास दोहरा दिया। इन सबके बावजूद खेल भावना नजर आना बड़ी बात रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय टीम ऑस्ट्रेलिया को ट्रॉफी प्रदान कर बधाई दी। साथ ही कहा कि इंडिया टीम पर गर्व है। इस दौरान ऑस्ट्रेलियाई डिप्टी पीएम रिचर्ड मालर्स मौजूद थे।

(लेखक डा. विजय )

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