US की मशीन से टनल में किया जा रहा ड्रील, 6 दिन से सुरंग के अंदर फंसे हैं 40 मजदूर

उत्तराकाशी में ध्वस्त हुई सुरंग के अंदर फंसे हुए मजदूरों को 120 घंटे का समय हो गया है। उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अमरीकी ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 6वें दिन भी टनल में फंसे 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सुरंग के मलवे को हटाने के लिए बचावकर्मी अमरीकी मशीन का प्रयोग कर रहे हैं। इस मशीन को एयरफोर्स के हरक्यूलिस एयरक्राप्ट के जरिए दिल्ली से उत्तरकाशी लाया गया है। गुरुवार को ये भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन टनल के 12 मीटर मलबे को खोदने में कामयाबी रही है। जिसके बाद मजदूरों के जल्द बाहर आने की उम्मीद तेज हो गई है।

अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार शाम को मलवे में छेद होने के बाद छ मीटर स्टील की पाइप का हिस्सा डाला गया और इसके एक भाग को वेल्ड किया गया। अधिकारियों ने आगे बताया कि जिस गति से ड्रिलिंग का काम हो रहा है, उस गति से मजदूरों तक पहुंचने में दो दिन का वक्त लग जाएगा। ऐसे में कम ऑक्सीजन और कम पोषण मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर चिताएं बढ़ा रहीं है।

मजदूरों की तबीयत बढ़ा रही चिंता
बुधवार को यानी ऑपरेशन के चौथे दिन जानकारी सामने आई थी कि कुछ श्रमिकों की तबीयत बिगड़ रही है। मौके पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मजदूरों ने सिर दर्ज, पेट दर्ज और उल्टी जैसी बिमारियों की शिकायतें की हैं। हालांकि उनको स्वस्थ्य रहने के लिए पतली पाइप की मदद से सुरंग के अंदर जरूरी दवाइयां, ड्राइ फ्रूट्स, मल्टीविटामिन, जैसे सामान पहुंचाए जा रहे हैं।

सुरंग के बाहर बनाया गया अस्थायी अस्पताल
इसके अलावा टनल के बाहर एक 6 बेड वाला अस्थायी अस्पताल का भी सेटअप किया गया है और गंभीर मामलों को ऋषिकेश एम्स भेजने के भी इंतेजाम किए गए हैं। बता दें कि सुरंग के प्रदेश द्वार से लगभग 200 मीटर अंदर मजदूर फेंस हुए हैं और सुरंग द्वार पर 50 मीटर तक मलवा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से बचावकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गेट से मलवे को हटाने के लिए दिल्ली से कई अत्याधुनिक मशीने मंगाई गई हैं।

120 घंटे से फंसे हैं मजदूर
गौरतलब है मजदूर 120 घंटे से टनल के अंदर फंसे हुए हैं। वहीं एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों ने फंसे हुए लोगों के परिवारों को आश्वासन दिया कि सभी ठीक हैं और उनतक पाइप के जरिए सभी जरूरी सामान पहुंचाए जा रहे हैं।

 

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