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NIA: कोयंबटूर कार बम धमाका मामले में 15वीं गिरफ्तारी, कोटा में दो संदिग्ध अरेस्ट

Coimbatore Bomb Blast: तमिलनाडु। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोयंबटूर कार बम धमाका मामले में 15वीं गिरफ्तारी हुई है, जबकि राजस्थान के कोटा में पीएफआई से लिंक के आरोप में दो संदिग्ध आरोपियों को दबोचा गया है। तमिलनाडु PFI मामले में चार्जशीट दायर की गई है।

कोयंबटूर में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) से प्रेरित कार बम विस्फोट मामले में 15वीं गिरफ्तारी की है। धमाके के आरोपी की पहचान जेम्सा मुबीन के रूप में हुई जो एक आत्मघाती हमलावर था। एनआईए के अनुसार, मुबीन की कार में आईईडी विस्फोट हुआ और वह मारा गया। गिरफ्तार 15वें संदिग्ध की पहचान कोयंबटूर निवासी ताहनसीर के रूप में हुई है

तमिलनाडु में कार बम धमाका, 15वां आरोपी गिरफ्तार
एनआईए के मुताबिक ताहनसीर ने अन्य आरोपियों- जेम्सा मुबीन और मोहम्मद थौफीक के साथ मिलकर आतंकी हमले की साजिश रची। बता दें कि धमाका 23 अक्टूबर, 2022 को कोयंबटूर के उक्कदम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर हुआ था। धमाका प्राचीन अरुलमिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल मंदिर के सामने हुआ था।

तमिलनाडु में ही हुई एक अन्य कार्रवाई के बारे में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बताया कि तमिलनाडु पीएफआई मामले में तीन आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया है। यह मामला पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की गैरकानूनी गतिविधियों और पीएफआई के नेताओं, सदस्यों और कैडरों की गतिविधियों से संबंधित है।

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय पीएफआई को एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित कर चुकी है। पीएफआई पर पूरे तमिलनाडु में सक्रिय रूप से चरमपंथी विचारधारा का समर्थन और प्रसार करने के आरोप हैं। इस मामले में एनआईए ने 17 मार्च, 2023 को 10 आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में आगे की जांच जारी है।

एनआईए प्रवक्ता ने राजस्थान में हुई बड़ी कार्रवाई को लेकर भी जानकारी दी। गैरकानूनी गतिविधियों के मामले में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि प्रतिबंधित संगठन- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

दोनों की पहचान कोटा निवासी वाजिद अली और मुबारिक अली के रूप में हुई है। इन पर तीन अन्य, मोहम्मद आसिफ, सादिक सर्राफ और मोहम्मद सोहेल के साथ युवा पीएफआई सदस्यों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने में कथित तौर पर संलिप्त होने का आरोप है। अधिकारी ने बताया कि पीएफआई का एजेंडा 2047 तक देश में इस्लामिक शासन स्थापित करना है

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