दीपोत्सव 2023 : दीपोत्सव नजदीक- महिला- पुरुष टेलर व्यस्त दिन रात कार्य में जुटे फुर्सत नहीं, नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं

दीपोत्सव 2023 :
दीपोत्सव 2023 : दीपावली नजदीक आते ही तमाम महिला-पुरुष टेलर व्यस्त हैं
दीपोत्सव 2023 : रायपुर राजधानी समेत प्रदेश भर में इन दिनों तमाम महिला-पुरुष टेलर व्यस्त चल रहे हैं। दीपोत्सव 2023 उनके पास दीपोत्सव के आर्डर इतने हैं कि नए आर्डर या तो ले नहीं रहे हैं। या दीपावली के बाद डिलवरी के बात कह रहें हैं। अन्यथा डबल चार्ज पर सिलाई।
गौरतलब है कि अगले माह 12-13 नवंबर को हिंदू धर्मालंबियों का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली यानी दीपोत्सव है। मौके पर लक्ष्मी जी का आगमन होता है। घर-घर उनकी पूजा होती है। नए वस्त्र-परिधान पहनकर पूजा-अर्चना माता की करते हैं। लिहाजा तमाम लोग टेलरों के पास अपनी पसंद अनुरूप ड्रेस सिलवाने पहुंच रहे हैं। जिनमें महिला-पुरुष,बच्चे, बुजुर्ग, युवाजन शामिल है।
टेलरों का कहना है कि समझदार एवं जानकारों ने डेढ़- दो माह पहले ही कपड़ा लाकर नाप दे दिया था। उनका परिधान समय पर बनाकर उचित चार्ज पर देंगे। परंतु बहुत से लोग इसी माह पहुंच रहे हैं। सभी चाहते हैं कि दीपोत्सव पूर्व उनके पसंदानुसार ड्रेस बनाकर दें। हमारे पास आदमी, कारीगर कम है। अतिरिक्त कारीगर लगा रखें हैं।
बावजूद कार्य संपन्न होते नहीं दिख रहा है। एक-एक परिवार से 10-10, 12-12 जोड़ी परिधान बनाने का आर्डर है। कुछ गरीब मध्यम वर्गी 5-6 जोड़ी बनवा रहे हैं। दिन-रात कारीगर जुटे हुए हैं। दोपहर-रात का खाना (डब्बा) घर से मंगवा रहे हैं। कई-कई बार रात 1-2 बजे तक दुकान पर रहते हैं। सोना मुश्किल हो गया है। रेडिमेंड कपड़े की सिलाई, डिजाइन जिन्हें नहीं भाती वे एवं परंपरागत परिधान वाले महिला-पुरुष, युवा, बच्चे, युवतियां कपड़े सिलवाते हैं। पूरे प्रदेश के टेलर व्यस्त हैं। दम भारने की फुर्सत नहीं है। सिलाई दर पूर्ववत है। अर्जेंट होने पर डबल चार्ज लेते हैं जो मजबूरी है। हालात का अंदाजा इसी से लगाए कि किराए पर सहयोगी कारीगर 500-2000 रुपए रोजी पर नहीं आ रहे हैं। जबकि खाना-पीना मुफ्त है। कारीगर छोटे अपनी दुकानों पर रोज 3000-4000 रुपए बना लेते हैं। फिर क्यूं आएगा।
(लेखक डॉ. विजय)