रविवि पूरक परीक्षा 2023 : राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति स्वविवेक से निर्णय लें …!

रविवि पूरक परीक्षा 2023 :

रविवि पूरक परीक्षा 2023 :

रविवि पूरक परीक्षा 2023 : एक गलत मांग के चक्कर में पड़कर शैक्षणिक कलैंडर में देरी ..!

रविवि पूरक परीक्षा 2023 : रायपुर। राजकीय विश्वविद्यालय शासन के आदेश पर अब वर्ष 2023 वार्षिक रविवि पूरक परीक्षा 2023 परीक्षा में 2 विषयों में फेल परीक्षार्थियों की भी पूरक परीक्षा लेने जा रहे हैं। तत संबंध में परीक्षा के लिए आवेदन ऑनलाइन लेने शुरू हो गए हैं।

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गौरतलब है कि कथित दबाव बाद राजकीय विश्वविद्यालयों को 2 विषयों में फेल परीक्षार्थियों को पूरक की पात्रता देने अपने नियमों में बदलाव करना पड़ा। बेशक 1 वर्ष के लिए पर दबाववश। खैर ! बेहतर होता तमाम राजकीय विश्वविद्यालय नियमतः 1 विषय में फेल परीक्षार्थियों की पूरक परीक्षा अगस्त में लेकर सितंबर में रिजल्ट जारी कर देते। जिससे कि पूरक परीक्षा में उर्तीण होने वाले परीक्षार्थी समय पर अगली कक्षा में नियमित प्रवेश ले सकते थे। परंतु उन्हें गलत मांग करने वालों यानी 2 विषय में फेल परीक्षार्थियों के चक्कर में व्यर्थ खामियाजा उठाना पड़ा है। यदि शासन ने देर से 2 विषय पर निर्णय लिया तो इसका अंदाजा तो राजकीय विश्वविद्यालयों को था ही। उनके लिए बाद में परीक्षा (वर्तमान) ली जा सकती थी। विशेष प्रकरण बनाकर। ठीक उसी तर्ज पर जैसे कि वर्ष 2023 परीक्षा के लिए ही 2 विषय में पूरक पात्रता रहेगी। आगे (2024) फिर 1 विषय वाली प्रणाली।

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दूसरा जब देरी हो गई है। तो ऑनलाइन पूरक परीक्षा आवेदन मांगना नहीं था। आप पोर्टल जाम है या खुल नहीं रहा। जो-जो 2 विषय वाले थे उन्हें सीधे परीक्षा में बिठाते बाद में ऑफलाइन फॉर्म भरवा कर भेज देते। ऑफलाइन सिस्टम से आखिर इतनी एलर्जी क्यों हो गई ? इंजीनियरिंग मेडिकल के परीक्षार्थी कई बार बगैर आवेदन जमा किए एटीकेटी (पूरक) में बैठते रहें हैं। आवेदन जमा करने की औपचारिकता बाद में होते रही। क्या बिगाड़ा उनका या संबंधित विश्वविद्यालयों का।

तीसरा जब इतनी देरी पहले ही हो गई है तो फिर और देर क्यों। मसलन आवेदन के लिए 4-5 दिन ही देना था या फिर सीधे बिठा लेते। उधर अक्टूबर आखिरी हफ्ते से नवंबर 22 तक पूरक परीक्षा। इतनी लंबी नहीं खींचना था। युद्ध स्तर पर लेते। एक ही दिन सुबह-शाम 7:10 एवं 3 से 6 अलग-अलग विषय की परीक्षा लेते। जिन्हें बैठना होता बैठते। वैसे भी 3 माह से अधिक समय उन्हें घर पर बैठे हो गया। विश्वविद्यालय केंद्रीय मूल्यांकन पूरक परीक्षा का करवा रहा है। यह अच्छी बात है पर इसे तेजी से कराने ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि रिजल्ट नवंबर तक आ जाए।

स्वयं विश्वविद्यालय प्रबंधन कह रहे हैं। कि 2023-24 का शैक्षणिक कैलेंडर पिछड़ गया है। दिसंबर-जनवरी में वार्षिक परीक्षा आवेदन पत्र भरवाए जायेगे। इस बीच नवंबर अंत में विधानसभा चुनाव। शिक्षकों की ड्यूटी लगेगी स्वाभाविक है कि परेशानियां बढ़ेगी। कुल जमा गलत मांग करके, दबाव बनाकर अपनी मांग आखिरकार मनवाकर, मनचाहा कर लेने वालों को प्रश्रय दर प्रश्रय देकर, लाखों अन्य विद्यार्थीयों, शिक्षकों को नाहक परेशान करना है। शैक्षणिक कैलेंडर में देरी से अध्ययन-अध्यापन कार्य की गुणवत्ता गिरते जा रही है। न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति वाला नियम बंगले झांक रहे हैं। नए कुलपति से अच्छी उम्मीद शिक्षाविद करते रहे थे। न कि दबाव की। कुलपतियों से स्वविवेक से निर्णय करने की अपेक्षा शिक्षाविद करते हैं। तभी नैक ग्रेड देगा।

(लेखक डॉ. विजय )

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