Thu. Oct 16th, 2025

Ramlala ka drbar 2023 : रामलला की दरबार के लिए काष्ठ कला की नगरी काशी में लकड़ी से मूर्ति और मुखैटा बना रहें हैं

Ramlala ka drbar 2023 :

Ramlala ka drbar 2023 :

Ramlala ka drbar 2023 : डेढ़ सालों से तराशे जा रहें है काठ की मूर्ति और मुखैटा

Ramlala ka drbar 2023 : अयोध्या के राम मंदिर में काष्ठ कला की नगरी काशी में लकड़ी के Ramlala ka drbar 2023 खिलौने बनाने वाले कारीगर रामचरित मानस के प्रसंगों पर आधारित मुखौटों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। खिलौना कारोबारी बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि अयोध्या में मानस प्रसंगों पर मुखौटे और मूर्तियां बनाने का ऑर्डर मिला है। भगवान राम का चरित्र सौम्य है तो उनके मुखौटे और मूर्तियाें में उनके स्नेह रूपी भाव प्रदर्शित किया हैं। उसी प्रकार कुंभकरण को निंद्रा और भोजन में रूचि थी तो उनका स्वरूप को खाद्य सामग्रियों और शोर के बीच दर्शाया गया है। रावण और मेघनाथ के मुखौटे उग्रता के भाव को समेटे हुए हैं। राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन से पहले काशी में तैयार काठ की मूर्तियों और मुखौटों को अयोध्या भेज दिया जाएगा। करीब 300 कारीगर मानस के 22 प्रसंगों के लिए 56 प्रकार के मुखौटे बना रहे हैं। इन मुखौटों को अयोध्या के कला संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा। नवंबर में इन मूर्तियों व मुखौटों को अयोध्या भेज दिया जाएगा।

uttar pradesh wood crafts shri ram darbar highest demand in varanasi rkt | Varanasi News: शिव की नगरी में राम दरबार देख अभिभूत हो रहे पर्यटक, लकड़ी पर उकेरी जा रही खूबसूरत

मुखौटे और मूर्तियों के लिए विशेष प्रकार की लकड़ी का इस्तेमाल हो रहा है। फटने और टेढ़े होने से बचाने के लिए लकड़ी को सुखाया जाता है। इसके बाद उन्हें आवश्यकता के अनुसार काटकर आकार दिया जाता है। इसके बाद उसका रंगरोगन किया जाता है।मुखौटों और मूर्तियां बनाने में भाव की प्रधानता होती है। करीब डेढ़ वर्ष से उन्हें बनाने का काम चल रहा है इसमें श्रीराम दरबार से लेकर वनगमन, सीता हरण, सीता स्वयंवर, समुद्र पूजन, राम सेतु, रावण, कुंभकरण, मेघनाथ,अशोक वाटिका आदि प्रसंगों को बनाने का काम अंतिम चरण में है।

काशी में लकड़ी पर उकेरी राम दरबार की मांग बढ़ी - Dastak Times | दस्तक टाइम्स

खिलौना कारोबारी ने बताया कि मूर्तियों और मुखौटे के बारे में कि भगवान राम की मूर्ति रावण की मूर्ति से छोटी है। जहां राम की मूर्ति 18 बाई 8 इंच की है, वहीं रावण की मूर्ति 36 बाई 24 इंच की है। यहां आठ इंच से 36 इंच लंबी मूर्ति और मुखौटे बनाए जा रहे हैं।

 

About The Author