Pitru Paksha 2023 : पितर पाख में जन्म- मरण शुभ माना जाता है …!

Pitru Paksha 2023 :
Pitru Paksha 2023 : हिंदू धर्मा लंबी अपने पितरों के सम्मान का ध्यान रखते हुए उन्हें रोज जल अर्पण, रुचिकर भोजन का भोग लगा रहें हैं
Pitru Paksha 2023 : सनातन धर्मा लंबियों का पितृपक्ष इन दिनों जारी है। Pitru Paksha 2023 हिंदू धर्मा लंबी अपने पितरों के सम्मान का ध्यान रखते हुए उन्हें रोज जल अर्पण, अच्छा रुचिकर भोजन का भोग लगा रहे हैं। यथासंभव नदियों, तालाबों जलाशयों में श्राद्ध कर्म कर पिंडदान भी कर रहे हैं। इधर एक मान्यता है कि पितर आगमन के दौरान (15 दिन) किसी का जन्म होता है तो पूर्वज पुनः रहने आ गए और किसी की मौत होती है तो पूर्वज साथ ली है कहा जाता है इस शुभ माना जाता है
मान्यता है कि पितृपक्ष में 15 दिनों के लिए पितर धरती पर आते हैं
पितर यानी ऐसे पूर्वज जिनका स्वर्गवास हो चुका है। मान्यता है कि पितृपक्ष में 15 दिनों के लिए पितर धरती पर आते हैं। यह देखने की वंशज परिवार खानदान कैसे गुजर बसर कर रहे हैं। वे किसी भी रूप में मसलन पशु, पक्षी, चींटी श्वान,गाय, बिल्ली, साधु-संत, गरीब आदि के भेष में आ सकते हैं। इसलिए कहा गया है कि पखवाड़े भर यानी पितर के समय जो कोई घर-द्वार पर आए उसे भोजन पानी जरूर कराना चाहिए। यथासंभव गरीबों जरूरतमंदों को वस्त्र एवं दक्षिणा देना चाहिए। पंडितों को भोजन करना चाहिए। इन सबसे उन्हें यानी पितरों को प्रसन्नता होती है। वे आशीर्वाद देकर स्वर्ग लौट जाते हैं।
पितृपक्ष के वक्त घर-परिवार, खानदान में कोई बच्चा पैदा होता है तो कहा जाता है कि वह पितर पूर्वज है
इधर छत्तीसगढ़ में एक अन्य मान्यता अहम है। जिसमें कहा जाता है कि अगर पितृपक्ष यानि पितर आगमन के वक्त घर-परिवार, खानदान में कोई बच्चा पैदा होता है तो कहा जाता है कि वह पितर पूर्वज है। पुनर्जन्म हुआ है। ऐसा होना शुभ माना जाता है। तो दूसरी ओर अगर घर-परिवार, खानदान में पितृ पक्ष में किसी का निधन हो जाए तो मान्यता है कि सीधे पितर यानी पूर्वज, मृतात्मा को साथ स्वर्ग ले गए। उसे कोई तकलीफ नहीं होगी। वह पूर्वजों के साथ रहेगा (मृतात्मा) । यानी पितृपक्ष में मौत को अच्छा माना जाता है। ज्यादा दुखी नहीं (गम )होते। खैर ! जो हो यह तय है कि पितर पखवाड़ा (15 दिन) में पूर्वजों के आवभगत में हर छोटा-बड़ा, मंझोला हिंदू सपरिवार जुट जाता है।
(लेखक डॉ. विजय )