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एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023 : पदक जीत लौटते एथलीटों के स्वागत में घरों से निकले .. !

एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023 :

एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023 :

एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023 : एशियाड में हिस्सा ले रहे ज्यादातर खिलाड़ी गरीब, निम्न मध्यम, या मध्यम वर्ग से हैं

एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023 : भारतीय दल अब तक खेले गए एशियाई खेलों में फिलहाल हांगझाऊ (चीन) में एशियाड ओलंपिक गेम्स 2023  जारी एशियाड में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है। अभी 3 दिन का खेल बाकी है और उम्मीद है कि करीब 100 पदक भारत जीतेगा।

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19 वें एशियाई खेलों के समापन के बाद भारतीय एथलीटों का दल वतन लौटेगे

19 वें एशियाई खेलों के समापन के बाद भारतीय एथलीटों का दल वतन लौटेगा। तब तक इधर विश्व कप वन डे क्रिकेट स्पर्धा का रोमांच लोगों पर चढ़ चुका होगा। ऐसा होना भी चाहिए। वजह पहली- हम मेजबान हैं। दूसरा भारत में क्रिकेट मशहूर खेल बन या बना दिया गया है। करोड़ों प्रशंसक हैं। लाखों लोग टीमों पर दांव लगाते हैं। ऐसे में यह आशंका है कि क्रिकेट के वास्तविक दीवाने और कथित दीवाने जो पेशन समझ दीवानगी दिखाते हैं। घरों, दफ्तरों में टीवी सेट से चिपके रहें। और एशियाड की भारतीय टीम का स्वागत करने बाहर न निकले। यानी जश्न शायद न मनाए। जैसे कि उन्हें कोई वास्ता ही न हो। अगर ऐसी स्थिति बनती है- निर्मित होती है तो यह खिलाड़ियों को निराश करेगी।

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खेल प्रशासकों को सभी खेलों को बराबरी के दृष्टिकोण से देखना चाहिए

खेल प्रशासकों को सभी खेलों को बराबरी के दृष्टिकोण से देखना चाहिए। एशियाड में हिस्सा ले रहे ज्यादातर खिलाड़ी गरीब, निम्न मध्यम, या मध्यम वर्ग से हैं। उन्हें उनका खेल संघ या बोर्ड चाहकर भी समुचित पारिश्रमिक नहीं देता। कई एथलीट तो साल भर में जितना कमाते हैं उतना तो एक औसत दर्जे का हमारे देश का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर एक-दो मैच में कमा लेता है।

अभावों में एथलीट चाहकर भी उम्दा प्रदर्शन नहीं कर सकता

पैसा, सुविधा, अवसर, सम्मान आदि खेलों में मायने रखता है। अभावों में एथलीट चाहकर भी उम्दा प्रदर्शन नहीं कर सकता। ध्यान रहे उसका एथलीट ज्यादातर प्रदर्शन व्यक्तिगत (एकल) होता है। कुछ टीम स्तर पर जहां व्यक्तिगत स्तर पर स्पर्धा होती है। वहां आर या पार वाला मामला रहता है। क्रिकेट में श्रृंखला में जितनी परी उतना मौका।

अगर आप किसी वास्तविक मेहनती, देश वास्ते समर्पित क्रिकेटर से- किसी एथलीट के मेहनत, प्रदर्शन पर चर्चा करें या सवाल करें तो वह (क्रिकेटर) आपको अच्छे से एक खिलाड़ी के तौर समझा सकता है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि एशियाड की भारतीय टीम में दर्जनों राज्यों, शहरों, महानगरों से एकत्र होकर बनी है। यानी हमारे बीच से। नजदीक से। क्या अच्छा प्रदर्शन कर लौट रहे अपने बीच के (देश) एथलीटों का सम्मान खुद गौरान्वित होना नहीं होगा। आइए मिलकर घरों-दफ्तरों से निकलकर उनका स्वागत करें।

(लेखक डॉ. विजय )

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