राजधानी समेत समूचे प्रदेश में, विधि-विधान पूर्वक विराजे बप्पा

रायपुर। गणेश चतुर्थी पर मंगलवार को राजधानी समेत समूचे प्रदेश के अंदर तमाम शहरों,कस्बों, गांवों, घरों में प्रथम पूज्यनीय भगवान गणेश विधि-विधान पूर्वक विराजे गए। यह क्रम पूर्वान्ह से देर रात तक चला।
मंगलवार अलसुबह से भगवान गणेश की स्थापना की तैयारी तमाम गणेशोत्सव करने लगी। छोटी-मंझोली प्रतिमाएं आमतौर पर पूर्वान्ह से अपरान्ह तक विराजी गई। तो वही बड़ी एवं वृहद आकर वाली प्रतिमाएं देर रात तक विराजी। समिति कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने बाकायदा ढोल, मजीरे, बैंड बाजा, डीजे की धुन पर बप्पा को लेकर पंडाल पहुंचे। रास्ते पर भक्तजन गणपति देखा भजन-कीर्तन, जयकारा करते हुए नाचते-झूमते रहे। एक के बाद एक समितियां बप्पा को ला रही हैं। नतीजन कई मार्गों में लंबा जाम लगा वाहन चालक रास्ता बदल कर निकले।
राजधानी में तमाम प्रमुख एवं पूरक मार्गों पर बृहद प्रतिमाएं विराजी गई हैं। जो पहली ही तरह ही नजर में ध्यानाकर्षण करती हैं। वाहन चालक एवं राहगीर पंडालों के समीप पहुंच एक नजर अपने गणपति देवा पर डालते ही, प्रसन्न भाव से घिर जा रहे हैं। भक्त अपने प्रिय बप्पा का मनमोहक रूप, झांकी, रिद्धि -सिद्धि एवं पिता शिव माता पार्वती को सहज मुस्कुराहट के लिए ठहर जा रहे हैं। वे आकर्षक प्रतिमाएं देखते ही मूर्तिकार कलाकार की रचना में डुबकी लगाने के साथ समितियों के पदाधिकारियों सदस्यों की भी भूरी -भूरी प्रशंसा करते हुए, शानदार प्रतिमा स्थापना वास्ते हर्ष व्यक्त करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। आलम यह है कि दर्शन बाद हर भक्त कम से आधा दर्जन लोगों को मूर्तियों की भव्यता जीवंतता बता रहा है।
इसके साथ ही पंडालों में शानदार डेकोरेशन, लाइटिंग भी की गई है। जो स्थल को आकर्षक बना दे रही है। यह स्थिति समूचे प्रदेश के छोटे-मंझोले शहरों, कस्बों ग्राम पंचायतों में भी देखी जा सकती है। दिन भर तमाम शहरों के पंडित गणेश स्थापना पूजन में दिन-भर व्यस्त रहे। वे एक जगह स्थापना पूजा कर नहीं करवा पा रहे थे की दूसरी समिति के फोन आ जाते या उनके सदस्य लेने पहुंच जा रहे थे। देर शाम तक अकेले राजधानी में हजार से अधिक छोटे मझोले बड़ी वृहद प्रतिमाएं विराजी गई हैं। गीत-संगीत भजन-कीर्तन भी कुछ स्थानों पर शुरू हो गया हैं।
(लेखक डॉ. विजय)