नए संसद भवन में लोकसभा में पेश किया नारी शक्ति बिल, संसद में 181 महिला सांसदों की संख्या
नई दिल्ली। देश के संसद की 96 साल पुरानी इमारत में कार्यवाही का आज आखिरी दिन था। आज पक्ष-विपक्ष के तमाम सांसद इस मौके पर पहुंचे। नए संसद भवन में जाने से पहले प्रधानमंत्री ने सबके साथ फोटो खिंचाई। इसके बाद तमाम सांसद सेंट्रल हॉल पहुंचे। सेंट्रल हॉल में अपने अनुभव साझा करते समय कुछ सांसद भावुक हुए, तो किसी ने इसे गौरव का पल कहा।
नए संसद भवन में पहले दिन की कार्यवाही में लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) को लोकसभा में पेश किया। बिल पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल को दोनों सदनों से पारित किए जाने के बाद लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी। लोकसभा में फिलहाल 82 महिला सांसद हैं। बता दें कि निचले सदन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो जाएगी। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल की पुरजोर वकालत की।
महिला कानून बनने के बाद संसद
लोकसभा में महिलाओं की संख्या 181 हो जाएगी , महिला आरक्षण की अवधि 15 साल की होगी, SC/ST के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होगी, भारतीय राजनीति में बड़ी तादाद में महिलाओं की एंट्री होगी।
कांग्रेस ने इस बिल पर क्या कहा?
बता दें कि इस बिल को लेकर लोकसभा में विपक्षी नेता और कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी भी अस्तित्व में हैं। इसे राजीव गांधी, नरसिम्हाराव और मनमोहन सिंह की सरकार में भी पेश किया गया था। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल अब अस्तित्व में नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के बयान को रिकार्ड से हटाया जाए।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष के इस बयान पर लोकसभा में जमकर हंगामा मचा। बयान पर हंगामा मच गया है। उनके भाषण पर एनडीए सांसदों ने आपत्ति जताई है।
SC/ST के लिए तय सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित
इस बिल के मुताबिक, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए तय सीटों में से ही 33 फीसदी का आरक्षण मिल सकेगा। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटों में से ही 33 फीसदी आरक्षण उनकी समाज की महिलाओं के लिए होगा।