G 20 summit in Raipur : जोरो शोरों से किया गया विदेशी मेहमानों का स्वागत, तिलक लगाकर पहनाया छत्तीसगढ़िया गमछा
G 20 summit in Raipur : छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में जी-20 की चौथी फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप की बैठक में शामिल होने विदेशी G 20 summit in Raipur मेहमान रायपुर पहुंचने लगे हैं। रायपुर पहुंच रहे इन विदेशी डेलीगेट्स का छत्तीसगढ़िया अंदाज में स्वागत किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी वेषभूषा में तैयार युवतियों ने इन विदेशी डेलीगेट्स को तिलक लगाकर छत्तीसगढ़िया गमछा पहनाया।
G 20 summit in Raipur : एयरपोर्ट के बाहर विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए कलाकार राऊत नाचा करते नजर आए। जी-20 समूह के चौथे वर्किंग ग्रुप का शिखर सम्मेलन नवा रायपुर में 18 व 19 सितंबर को होने जा रहा है। इसमें ये विदेशी डेलीगेट्स शामिल होंगे। जी-20 बैठक को लेकर नवा रायपुर को छत्तीसगढ़ी संस्कृति के थीम पर सजाया गया है।
विदेशी मेहमानों का परंपरागत ढंग से स्वागत
जी-20 समूह के चौथे वर्किंग ग्रुप के शिखर सम्मेलन में 20 देशों के 50 से ज्यादा अतिविशिष्ट प्रतिनिधियों के छत्तीसगढ़ की धरा पर पहुंचने पर परंपरागत ढंग से स्वागत प्रख्यात लोकवाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय के कलाकार समूह ने किया। इसके लिए रिखी क्षत्रिय का समूह पिछले कई दिनों से तैयारियों और पूर्वाभ्यास में जुटी हुई थी।
विदेशी मेहमानों का स्वागत करने रिखी का समूह पूरी तरह छत्तीसगढ़ी रंग में रंगा रहा। भिलाई के मरोदा सेक्टर निवासी रिखी क्षत्रिय ने बताया कि विदेशी मेहमानों के छत्तीसगढ़ की धरा पर विमानतल पर चंदन का टीका लगाकर और छत्तीसगढ़ी गमछा पहनाकर स्वागत कर रहे हैं।
जी 20 प्रतिनिधियों को देंगे मिलेट्स-बस्तर आर्ट की चिन्हारी
G 20 summit in Raipur : रायपुर के होटल मेफेयर में आयोजित जी-20 देशों के चौथे फ्रेमवर्क वर्किंग समूह की बैठक में शामिल होने वाले प्रतिनिधि अपने साथ छत्तीसगढ़ की सुंदर स्मृतियों के साथ छत्तीसगढ़ी संस्कृति की चिन्हारी भी साथ लेकर जाएंगे। बस्तर आर्ट से बनी चिन्हारी के साथ प्रतिनिधियों को गिफ्ट पैक में वनोपजों से बनाये गए खास उत्पाद दिए जाएंगे।
G 20 summit in Raipur : संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष को मिलेट ईयर घोषित किया है। विदेशों से आने वाले प्रतिनिधियों को गिफ्ट पैक में प्रदेश में होने वाले मिलेट्स से बने बिस्किट दिए जाएंगे। साथ ही प्रदेश में उत्पादित किए जाने वाले एलोवीरा जेल, अश्वगंधा चूर्ण व ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा सम्मान स्वरूप प्रदान की जाएगी।