पॉश कालोनी में रहने वाले आधा दर्जन लोग साइबर ठगी के शिकार

रायपुर। तमाम बैंकों साइबर थाना, सामान्य पुलिस, प्रशासन द्वारा ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगातार समझाइश दी जा रही है। पर अफसोस पढ़े- लिखे कामकाजी- वर्ग के कानों में जूं नहीं रेग रही है। नतीजन आए दिन राजधानी समेत प्रदेश के हिस्सों से साइबर ठगी की घटनाएं सामने आ रही है। ठगे गए एक तिहाई से अधिक लोग शर्म के मारे रिपोर्ट तक नहीं लिखाते। इसका भरपूर फायदा ठग उठा रहे हैं।

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राजधानी के सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाके में रहने वाले कुछ नागरिकों से लाखों की साइबर ठगी की चर्चा है। जिसकी पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ लोगों के पास विदेशी कंपनी की ओर से मैसेज आया कि हजार रुपए निवेश करने पर रोज 200रुपए मिलेगा। बस क्या था- झांसे में कुछ लोग आ गए जबकि वे पढ़े-लिखे राजधानी वासी बनते हैं।

उक्त लोगों ने शुरुआत में जब निवेश किया तो हजार रुपए के पीछे 200 अतिरिक्त (प्रतिदिन) मिलने की बात कही गई थी। लोगों को यह राशि मिलने लगी। तब साइबर वालों (बदमाशों) ने अलग-अलग वजह बताते हुए और धन मांगा देखते-देखते करीब आधा-पौन दर्जन झांसे में आ गए। जिस पर निवेश कर्ताओं को शक हुआ। परंतु तब तक लाखों रुपए उनके खाते से निकाले जा चुके थे। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि प्रभावित-पीड़ित लोग (निवेश करने) यानी झांसे में फंसे लोग शर्म-हया के चक्कर में रिपोर्ट नहीं लिखवाये है। ऐसे में वे (पुलिस) एफआईआर के बिना वे (पुलिस) कुछ नहीं कर पायेंगे
(लेखक डॉ. विजय)

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