सब्जियों के दाम कुछ घटे बावजूद जेबें ग्राहकों की कट रही

रायपुर। हाट-बाजार में सब्जी की भरपूर आवक के चलते दरें कुछ नीचे आ गई है। ज्यादातर सब्जियां 40 रुपए किलो के नीचे फिलहाल मिल रही हैं।
राजधानी समेत समूचे प्रदेश के ग्राहकों को कई माह बाद जेब के हिसाब से सब्जियां मिलनी शुरू हुई हैं। जिसके पीछे बड़ी वजह भरपूर आवक को बताया जा रहा है। थोक विक्रेताओं का कहना है कि नई फसल (सब्जी) आने एवं पर्याप्त से अधिक होने के चलते थोक-चिल्हर में भाव उल्टें हैं लिहाजा ग्राहक को सस्ते दरों पर सब्जी दे रहें हैं।
सब्जी-बाजार का दौरा करने पर पढ़े-लिखे ग्राहकों का दरों को लेकर कहना है कि यहां मामला सस्ता-महंगा का नहीं। बल्कि मेहरबानी का है। जब सब्जियों की आवक कमजोर (कम) बताकर (स्टोर कर) थोक वाले ज्यादा दरों पर बेच, जेबे काट रहें थे तब असंगठित ग्राहक मेहरबानी कर रहा था थोक-चिल्हर वालो पर। अब भरपूर आवक के समय उनके (थोक विक्रेता) पास स्टोर हेतु जगह की कमी, इसलिए आवक भरपूर बता-कम लाभ उठा सस्ते सब्जी उपलब्ध करा रहें हैं ग्राहक कहते हैं यहां पर भी आम ग्राहक थोक वालों पर मेहरबानी कर रहा है। वजह वे यानी थोक विक्रेता स्टोर की कमी (क्षमता) के चलते माल (सब्जी) सड़ा कर घाटा नहीं उठा सकते। लिहाजा कम दर रखकर भी अधिक माल बेचकर थोड़ा-थोड़ा सहित पर लाभ कमा रहे हैं। यहां पर ग्राहक मेहरबानी कर रहा है। अगर वह (ग्राहक) सस्ते दर पर भी पर्याप्तया ज्यादा सब्जी नहीं लेगा तो थोक वाले का माल सड़ जायेगा। उसे घाटा होगा। अर्थशास्त्र, वाणिज्य पढ़ाने वाले उपरोक्त ग्राहकों का कहना है कि व्यापारी कभी घाटे में सौदा नहीं करता। जेब हमेशा ग्राहक की कटती हैं। जो असंगठित है। यह बात थोक विक्रेता व्यापारी जानता है।
(लेखक डॉ. विजय)