टेंट हाउस का, सीजन शुरू बल्ले-बल्ले सी स्थिति

रायपुर। राजधानी समेत समूचे प्रदेश में गणेशोत्सव को लेकर पण्डाल तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। टेंट हाउस वाले इस हेतु एडवांस राशि ले रहे हैं। उनका सीजन शुरू होने के साथ बल्ले बल्ले सी स्थिति है।
बड़ी समितियाें के द्वारा बड़ी-बड़ी गणेश प्रतिमाएं बनवाई जा रही हैं। जो 20-25 से 30 40 फीट तक हैं। साथ में भगवान शिव-माता पार्वती एवं अन्य चीजे। स्वाभाविक है कि उन्हें जगह ज्यादा चाहिए। लिहाजा पण्डाल का क्षेत्रफल बड़ा होना चाहिए। टेंट हाउस वाले प्रति वर्ग फीट की दर पर शुल्क लेते हैं।
राजधानी समेत प्रदेश के तमाम स्थानों पर इस वक्त को टेंट हाउस वालों का सीजन शुरू होना माना जाता है। इसके बाद दुर्गोत्सव हेतु पण्डाल लगेंगे। तो उधर रामलीला वास्ते दशहरा में ओपन पण्डाल लगेगा इस बार तो राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं- सभाओं, सम्मेलन, चुनाव हेतु टेंट वालों की बड़ी डिमांड रहेगी।
उपरोक्त स्थितियों में टेंट वालों का भाव बढ़ना स्वाभाविक है। व्यस्तता का हवाला देकर वे फिलहाल छोटा पंडाल हेतु 10 से 15 हजार, मझोले के लिए 20-30 हजार जबकि सामान्य बड़े वास्ते 50-70 हजार और वृहद पण्डाल हजार-बारह सौ या ज्यादा वर्ग फीट वास्ते डेढ़ 2 लाख से तीन-चार लाख तक वसूल रहे हैं। उनका कहना है कि पण्डाल में लगने वाली सारी चीजे 20-22 दिन के लिए इंगेज हो जाती है।11 दिन तो भगवान गणेश विराजेगे समय पूर्व कार्य शुरू करना आंतरिक साज-सजावट, विसर्जन बाद दो-चार दिन तक निकालना।
उधर समितियां 11 दिन के उत्सव के दौरान विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन यथासंभव करती हैं। जिस हेतु अलग पण्डाल-स्टेज बनवाना पड़ता है। मसलन आर्केस्टा, कवि सम्मेलन, कव्वाली आदि। तो छोटे-मंझोली समितियां मोहल्ले, कालोनी या वार्ड स्तर पर बच्चों, महिलाओं, युवाओं हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम रखती है। जिसका खर्च अलग बैठता है।
(लेखक डॉ. विजय)