छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस , IACP अवार्ड से अमेरिका में होंगी सम्मानित

रायपुर। अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय पुलिसिंग संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) ने उन्हें आईएसीपी अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा की है। इस अवार्ड में छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस भावना गुप्ता को सम्मानित किया जायेगा। भावना गुप्ता वर्तमान में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले की पुलिस अधीक्षक हैं। उन्हें यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंडियागो शहर में इसी साल 17 अक्टूबर को प्रदान किया जाएगा। उन्हें यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंडियागो शहर में 17 अक्टूबर 2023 को प्रदान किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस हैं जिन्हें यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। पुलिस को संवेदनशील छवि देने वाली आईपीएस भावना गुप्ता 2014 बैच की भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी हैं। पति राहुल देव मुंगेली जिले के कलेक्टर है। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। आईपीएस भावना गुप्ता मूलतः पंजाब की रहने वाली है। उन्होंने आइआइटी मुंबई से पढ़ाई की है।
पुलिस मुख्यालय या उच्च अधिकारी की अनुशंसा और उन्हीं के आवेदन पर ही इस पुरस्कार के लिए चयन किया जाता है।
आईआईटी से की पढ़ाई, बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी
आईपीएस भावना गुप्ता मूलतः पंजाब की रहने वाली है। उन्होंने आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की है। वे बैडमिंटन की राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। बास्केटबाल में भी उन्होंने आईआईटी मुंबई टीम की कप्तानी की थी।
आईपीएस प्रशिक्षण के दौरान भी वे बास्केटबाल टीम की कप्तान रहीं। उन्होंने पुलिस खेलों में भी बैडमिंटन खेल कर राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं। पश्चिम बंगाल कैडर से उन्होंने पुलिस सेवा की शुरुआत की थी।
1893 में हुई थी स्थापना: इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस की स्थापना वर्ष 1893 में हुई थी। इसके पहले छत्तीसगढ़ के आईपीएस आरिफ शेख व संतोष सिंह को यह पुरस्कार मिल चुका है।
पुलिस की छवि बदली
अपराध के बाद मौके पर पहुंचने के लिए कुख्यात पुलिस की इस छवि को बदलकर अपराध से पहले उस पर ‘वार’ किया है आईपीएस भावना गुप्ता ने। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों की 2000 आदिवासी बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाकर उन्हें खुद अपराध को रोकने के लिए सक्षम बना दिया है।
उनकी इस पहल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली और अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय पुलिसिंग संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) ने उन्हें आएसीपी अवार्ड से सम्मानित करने की घोषणा की है। इस अवार्ड प्रक्रिया में 165 देशों की पुलिस शामिल हैं।
इस दौरान कौशल उन्नयन और महिला अपराधों के प्रति जागृति लाने का कार्य किया गया। वे इन कार्यक्रमों में शामिल होकर प्रशिक्षण देती थी। दो हजार आदिवासी बालिकाओं को उन्होंने पुलिस के सहयोग से प्रशिक्षित किया गया। खेल प्रतिभाओं को भी इसे माध्यम से सामने लेकर आईं।
सूरजपुर जिले के बिहारपुर क्षेत्र की कई बालिकाएं मलखंब में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। आज अपने पैरों पर खड़ी हो गई हैं।