निगम गौवंशों को गोद दे या परिवार गोद ले

नए गौठान हेतु शासन से निगम सरकारी खाली जमीन मांगे
रायपुर। सड़कों-चौराहों, गलियों- कॉलोनीयों में आवारा घूमते पकड़े गए या मालिकों द्वारा चारा चरने छोड़े गए परंतु निगम द्वारा पकड़े गए पशुधनों को रखने को गौठानों में जगह न होने पर, उन्हें नीलाम करने का टेंडर (निविदा) निगम ने प्रतिपक्ष के दबाव बाद निरस्त कर दिया है।
दरअसल पकड़े गए गौवंशों को वापस ले जाने संबंधित मलिक सामने नहीं आ रहे हैं, न ही आवारा गौवंशों को। जिसकी एक वजह भारी जुर्माना भी बताया जा रहा है। बहरहाल गौठानों में जगह की कमी निगम बता रहा है। फिलहाल निगम में प्रतिपक्ष दलों के व्यापक विरोध बाद गौवंशो की नीलामी टेंडर निरस्त कर दी गई है।
ई. ग्लोबल न्यूज इन ने गौवंशो को पकड़े जाने की पूर्व गौठानों में जगह की कमी का अंदेशा व्यक्त किया था। जो सही साबित हुआ है। ई. ग्लोबल न्यूज इन ने इसके साथ सुझाया था कि निगम शासन से शहर के आउटर पर खाली पड़े जमीन चारों दिशाओं में मांगे। जिन पर नए गौठान बनवाए। साथ ही नीलामी की जगह गोद देने (लेने) का सिस्टम बनाए। यानी एक सामान्य दर पर इच्छुक नागरिक (परिवार) को गौवंश गोद दे या नागरिक परिवार गोद ले। जिन्हें निगम नए गौठानों में रखकर पाले -पोसे देखरेख करें। मासिक सामान्य खर्च गोद लेने वाला परिवार वहन करे। बदले में गोद लेने वाला परिवार यानि नया (मालिक) गौवंश से प्राप्त दूध, दही, पनीर, घी, खोवा आदि का हकदार रहेगा। उन्हें मोबाइल पर सूचित कर उत्पाद दिया जाए। धीरे-धीरे अन्य लोग (दूसरे परिवार) भी गौवंश गोद लेने लगेंगे। इसका सार्थक परिणाम निकलेगा।