तुलसी के औषधीय गुण और फायदे

भारत देश में तुलसी एक पौधा नहीं ये हमारी जननी है और पूजनीय भी है। आदि-अनादि कल से तुलसी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा के रूप में किया जाता है। एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक्स के रूप में जानी जाती है। तुलसी डायबिटीज से लेकर दिल की बीमारी को दूर भगाने में सक्षम है। तुलसी के कई किस्म है, जिसमे रामातुलसी , श्यामातुलसी और कृष्णा तुलसी सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। भारत में प्रत्येक घर में तुलसी का पौधा आसानी से देखने को मिल जाएगा। आयुर्वेदिक दवाई के लिए तुलसी की खेती भी जा रही है। शारीरिक बीमारियों के साथ बाल और त्वचा से जुड़ी किसी तरह की समस्या में तुलसी
बहुत फायदेमंद हैं।
इसे कही भी आसनी से लगया जा सकता है, घर के आंगन या फिर छतों पर गमले पर लगाया जा सकता हैं। यह सिर्फ एक पौधा नहीं बल्कि जड़ी – बूटी के रूप में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। में तुलसी के पौधे से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है तुलसी के पौधे में विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। तुलसी का पौधा रात को ऑक्सीजन छोड़ता हैं।तुलसी के पौधे की ऊंचाई ३० सेमी से लेकर ६० सेमी तक होता है। फूल सफ़ेद और बैंगनी रंग के होते है। जुलाई से अक्टूबर तक तुलसी का पुष्पकाल और फलकाल होता है।
तुलसी के औषधीय गुण
1. सर्दी खांसी में तुलसी का उपयोग
अगर किसी भी को सर्दी, जुकाम, खांसी हो गई हो तो तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है। तुलसी के साथ काली मिर्ची, लौंग और गुड़,अदरक,तेजपत्ता, हल्दी मिलाकर काढ़ा तैयार किया जाता है। और इसे पीने से सर्दी जुकाम में राहत मिलती हैं।
2 . सांसों में दुर्गंध –
तुलसी के (3-4) पत्तों को प्रतिदिन चबाने से मुँह की दुर्गंध को दूर किया जा सकता है। अगर साँसों में से बदबू आती है तो तुलसी खाने के फायदे इसमें होते है। तुलसी के पत्ते चबाना चाहिए ऐसा करने पर दुर्गंध खत्म हो जाती है।
3 . रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर –
तुलसी में रोगों से लड़ने की ताकत होती है। यह इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाती है। तुलसी का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
4. कान दर्द और सूजन में राहत देती है –
यह कान के दर्द और सूजन को कम करने का काम करती है। तुलसी पत्र, का रस निकाल कर को गर्म कर ले इसकी २ – २ बून्द कान में डालने पर दर्द से राहत मिलेगी। कान के पीछे हो रही सूजन में तुलसी पत्ती के साथ आरंडी की कोमल पत्तों को पीस ले इसमें नमक मिला ले इस लेप को गुनगुना करके लगाएं।
5. दस्त में आराम –
दस्त से परेशान होने पर आप इसका उपयोग जरूर करे। जीरे के साथ तुलसी के पत्तों को पीस ले। दिन में इसे ३ – ४ बार खाये इससे दस्त रुक जाएंगे।
6. चोट लगने पर –
इसमें एंटी-बैक्टीरियल तत्व पाए जाते है जो घाव को ठीक करने में मददगार साबित होते है। फिटकरी और तुलसी के पत्ते दोनों को साथ में मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।