Sun. Jul 20th, 2025

देर आए दुरस्त आए चांद, पर मस्त नजर आए

तुम्हारे मामा को राखी पसंद आई कि नहीं- पृथ्वी

रायपुर। देर आए- दुरस्त आए तुम तो मस्त नजर आए। इसरो शायद यही कुछ सोच-विचार रहा होगा। अपने सफल प्रक्षेपित चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर इधर-उधर घूमते फिरते-नतीजे देते हुए पर।

Chandrayaan-2: विक्रम और प्रज्ञान: ये हैं वो 2 हीरो, जिन पर टिकीं हैं पूरी दुनिया की निगाहें - chandrayaan 2 landing moon vikram lander pragyan rover isro scientific research work water mineral ...

शुक्रवार को पूरे 10 दिन हो गए चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर शानदार तरीके से उतरे हुए। पूरा भारत देश (दुनिया भी) उसका लाइव गवाह बना था। उसे ऐतिहासिक क्षण को देखने वाले अब और प्रफुल्लित-उल्लासित हैं। इसरो के वैज्ञानिकों की खुशी को मापा-नापा नहीं जा सकता। चंद्रयान-3 ने, चंद्रयान-2 की कार्य को भी पूरा कर (अपने कार्य समेत) दोहरा काम किया है। आक्सीजन समेत आधा दर्जन से अधिक महत्वपूर्ण तत्वों का पता कर- अभी विक्रम-प्रज्ञान अपनी पारी खेल रहे हैं। जो 14 दिन की है। ऊपर वाले ने चाहा तो बाद में भी पारी आगे बढ़ जाए तो अचरज नहीं तैयारी तो उम्दा है।

खैर ! जो चीजें हमारा चंद्रयान-3 यानी विक्रम -प्रज्ञान चंदा मामा की जमीन पर बटोर रहें है-वह इस कहावत देर आए-दुरस्त आए को अभिव्यक्त करती है। चंद्रयान-1, चंद्रयान-2 की रही-सही कसर विक्रम -प्रज्ञान ने पूरी कर वाकई दिल जीत लिया है। दोनों का खेल देख माता (पृथ्वी) कह रही होगी-कि बेटे द्व्रय अपने मामा (चांद) के घर-द्वार आंगन में मस्त-मस्तियां कर रहे हो। मामा भी खातिरदारी (जानकारी) अच्छी कर रहे हैं। उनकी (चंदा मामा) की संपूर्ण सेहत (मौजूद तत्व) का पता करके रिपोर्ट देते रहना।यहां मैं (पृथ्वी) अस्पताल (इसरो) में जांच (रिसर्च) कराऊंगी। तुम्हारे मामा को मेरी भेजी राखी चंद्रयान-3 पसंद आई कि नहीं बताना। मुझे (पृथ्वी) राखी गिफ्ट (पतासाजी तत्व ) उम्दा चाहिए। दिन डूबे (14 दिन) इसके पहले खेल (पतासाजी) लो।

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