अगर भगवान है तो असामंजस्य में… ! रक्षाबंधन के दिन बहन की मौत, भाई ने की खुदकुशी

रायपुर। अगर भगवान है तो वे ऊहापोह की स्थिति में होंगे। उन्होंने एक बहन (महिला) एवं उसके होने वाले बच्चे को असमय बुला लिया- तो भाई गम में बहन के पीछे हो लिया (खुदकुशी कर ली) रक्षाबंधन पर्व पर भगवान अब असामंजस्य में हैं। होंगे तो सोच रहे होंगे- ये क्या किया भक्त——-!
दरअसल राजधानी के राजेंद्र नगर इलाके के एक निजी अस्पताल में एक गर्भवती महिला को गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया था। जिसके अजन्मे शिशु की मौत पेट में (गर्भ के अंदर) हो गई थी। महिला सिकलिन से पीड़ित थी। केस गंभीर था- उसके ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी- कि उक्त गर्भवती महिला ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि बहन को अस्पताल लेकर आए जवान भाई को ऐन रक्षाबंधन के दिन यह सदमा (बहन एवं भांजे की मौत) बर्दाश्त नहीं हुआ। और उसने आई सी यू से लगे दूसरे खाली कमरे की खिड़की का ग्रिल हटाकर या (निकालकर) दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर रूप से घायल भाई ने
अस्पताल पहुंचते तक दम तोड़ दिया। अस्पताल में उस वक्त परिवार के अन्य सदस्यों (रिश्तेदारों) से नजर बचा भाई ने उक्त दर्दनाक कदम सदमे में उठाया।
कुछ लोगों ने उसे कमरे में जाते, दरवाजा बंद करते देखा था। बताया जा रहा है कि बहन की मौत की खबर अस्पताल की ओर से मिलने के बाद भाई ने उसके इलाज के तमाम खर्च का बिल जमा कर दिया था। बहन का पार्थिव शरीर घर (कवर्धा परीक्षेत्र) ले जाने वाहन किराये पर उठा उसको एडवांस दे दिया था। पुलिस ने मौके वारदात से बॉडी उठा अस्पताल में ले जाकर जांच कराई तो चिकित्स्कों ने उसके मौत हो जाने की खबर दी। पोस्टमार्टम बाद शाम तक भाई का शव पुलिस ने परिजनों को सौंप दिया ,
अगर भगवान है तो ऐन रक्षाबंधन के दिन बहन-भांजे को उठा भाई, (होने वाले मामा) को बड़ा सदमा दिया। जिसे भाई सहन नहीं कर पाया। वह बहन के पीछे चला गया अगर भगवान हैं तो वे बड़ी ऊहापोह की स्थिति में होगे। भाई से बहन एवं भांजे को वापस बुला लिया- भाई पीछे-पीछे चला आया।