छत्तीसगढ़िया दिलों में राज, देवराज – बुरा लगा..!
रायपुर। यूं तो किसी भी इंसान को इस जहान से कूच करना बुरा लगता है। अगर परिचित हो तो और ज्यादा-पर लोकप्रिय हो, साथ ही कम उम्र में चला जाना झकझोर देता है। बहुत ज्यादा बुरा महसूस होता है। कुछ इसी तरह लगा, जब यूट्यूबर (यूट्यूबर) देवराज पटेल के अचानक कूच कर जाने की खबर लगी।
देवराज पटेल महज 22 बरस की अल्पायु में छत्तीसगढ़ में जाना-पहचाना जाने लगा था। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्मों में भी कुछ रोल किए थे, पर यूट्यूबर के रूप में अच्छी ख्याति अपनी सरजमीं छत्तीसगढ़ के अंदर प्राप्त कर ली थी। उनकी मशहूर वीडियो- “दिल से बुरा लगता है” ने उन्हें लोगों के दिलों में जगह दे दी। यूं तो यह एक सामान्य पंक्ति है, पर जिस तरह देवराज ने इसे अपनी पेंटेट वीडियो लाइन बनाकर कमेंट्स ट्यूट करना शुरू किया, वह यह बताने के लिए पर्याप्त है कि वे चीजों को बारीकी से समझते थे, और मौके वारदात पर अटैक कर समाज को एक संदेश मजाक-मजाक में दे जाते थे। उनकी यह खूबी दिल को छू जाती थी।
अब उनके इस कमेंटस, ट्यूट को लें- यार छत्तीसगढ़ में दो ही लोग फेमस हैं -“एक मैं और एक मोर काका, अऊ काका… सब बने-बने” स्टेज पर अचानक से यह एकदम सामान्य परिस्थितियों में व्यक्त की टिप्पणी ने, जैसे समसमायिक इतिहास रच दिया। सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में कही पंक्तियों ने उन्हें (सीएम) गदगद कर दिया, वे भी खिलखिला उठे थे।
देवराज, जाना तो सबको पड़ता है, पर एक बात हमें भी दिल से बुरा लगता हैं। यंग स्टर्स को टू व्हीलर लापरवाही पूर्वक चलाना। खासकर जब सामने ट्रक, बस या अन्य फोर व्हीलर्स हो। उत्साह-जोश के मध्य अचानक एक चूक कई बार भारी पड़ जाती है। और अब तुम्हारी अनुपस्थिति हमें दिल से बुरा लगा भाई। अभी तो बहुत मंजिल और काम बाकी था। या यूं कहें अभी-अभी तो शुरुआत हुई थी, छत्तीसगढ़ का अपना देव- “देव” में विलीन हो गया-दिल को मनाना आसां नहीं होता- यारों के दिलों में तुम्हारी यादें रहेगी। घर-परिवार नातेदारों के दिल में सदैव बसे-समाए रहोगे। यूट्यूब से ज्यादा देव तुम लाइव में स्मार्ट थे। (युवा वाहन सचेत हो चलाएं तो देव की आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी)