कारवां गुजर गया…!

राजधानी सड़कों की दास्तां
रायपुर। ‘कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे’ पंक्तिया राजधानी की तमाम सड़कों पर सटीक बैठ रही हैं। 3 दिनों की बारिश थमते ही, सड़कों पर पाईप लाईन वास्ते खोदे गए गढ्ढों से उड़ती धूल- गुजरते लोगों को धूल दूषित कर रही है।
गौरतलब है कि निगम रायपुर स्मार्ट सिटी के साथ मिलकर शहर में नई पाईप लाईन बिछाने का कार्य दो माह से कर रहा है। राजधानी की हर सड़क के दोनों और (साइड) खुदाई हो रही है। निगम ने गत दिनों खुद स्वीकार- बताया कि 1600 से अधिक छोटे- मंझोले, बड़े गड्ढे सड़कों पर हैं। जो पाईप लाईन के गढ्ढों से इतर(भिन्न) हैं। पक्ष-विपक्ष के पार्षदों द्वारा नागरिकों को गड्ढो से हो रही परेशानी का मामला उठाने पर जवाब दिया गया कि बारिश के चलते कोलतार (डामर) का निर्माण कार्य रुका हुआ। इसलिए गढ्ढों को फिलहाल अस्थायी तरीके से भरा गया है।
बहरहाल जो भी हो बारिश होने पर पानी भरा हुआ होने के कारण गढ्ढ़े नजर नहीं आते और सायकल बाइक सवार गिर रहे हैं। खासकर वृद्ध जन एवं बच्चे। दूसरी और बारिश थमते ही गढ्ढों एवं पाईप लाईन वाले लंबे गढ़्ढों पर पड़ी मिट्टी, मुरुम, बजरी सूख कर धूल के रूप में उड़ रही है। बाइक एवं चार पहिया वाहन,ऑटो आदि गुजरने पर पीछे के लोग धूल- दूषित हो रहें हैं।
आलम यह है कि सुबह स्नान कर ड्रेस अप हो सुबह रिक्शा,ऑटो, या अभिभावक संग स्कूल जाने वाले बच्चे या पूर्वान्ह स्नान-ध्यान कर ड्रेस अप हो दफ्तर, दुकान-प्रतिष्ठान जाने वाले राहगीर, बाइक स्कूटर चालक, ऑटो से जाने वाले लोग धूलमय हो जा रहे हैं। यानी लाखों लोग 70 वार्डों की सड़कों से गुजरते परेशान है।
उपरोक्त स्थिति में फुटपाथ पर धंधा करने वाले भी प्रभावित हैं। पर खाद्य सामग्री मसलन चाय, पोहा, काफी, नाश्ता, आइसक्रीम, चाट, भेल आदि धड़ल्ले से बिक रही है जो धूल के चलते दूषित हो रही है। जिसे लोग चांव से खा पी रहे हैं। डॉक्टरों का स्पष्ट कहना है कि उपरोक्त फुटपाथी खाद्य सामग्री सेहत के लिए भारी नुकसान देह है। जो तत्काल नहीं कुछ अंतराल या माह बाद नजर आएगा।