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Raipur Crime News: ट्रेडिंग के नाम पर ठग लिए 89 लाख रुपये, इस तरह अरोपी ने दिया झांसा

Raipur Crime News: फर्जी वेबसाइट बनाकर ट्रेडिंग के नाम पर 89 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। राखी थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपित पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।

रायपुर। Raipur Crime News: फर्जी वेबसाइट बनाकर ट्रेडिंग के नाम पर 89 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। राखी थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपित पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। ठग ने इसके लिए वीडियो के जरिए ट्रेनिंग भी दी थी। प्रार्थी ने आनलाइन पोर्टल में भी शिकायत दर्ज करवाई है। सेक्टर 29 एचआइजी प्रीमियम 395 नवा रायपुर निवासी प्रार्थी विवेक श्रीवास्तव ने राखी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

पुलिस के अनुसार प्रार्थी थाना दारागंज (प्रयागराज) उप्र का मूल निवासी है। पिछले लगभग चार सालों से वह आनलाइन ट्रेडिंग का काम कर रहा है। बैंकों में ब्याज दर कम होने से सारी बचत शेयर बाजार में निवेश करता था। इसका अच्छा फायदा भी मिल रहा था। 24 अक्टूबर 2023 को अनिल शर्मा नामक व्यक्ति ने उसके वाट्सएप पर संपर्क करके खुद को मिस्टर शाह का असिस्टेंट बताते हुए अधिक लाभकारी स्टाक के बारे में मुफ्त जानकारी देने की बात कही। इसके लिए उसने वाट्सएप पर स्टडी ग्रुप पर जुड़ने के लिए कहा।

उसने बताया कि इस ग्रुप में उच्च लाभकारी स्टाक के बारे में हर सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को जानकारी और सलाह दी जाती है। आनलाइन कोर्स भी शुरू होने की बात बताई गई। विवेक ने ग्रुप को ज्वाइन कर लिया, जिसमें स्टाक के बारे में सलाह दी जाने लगी। इसके अलावा वीडियो स्ट्रीमिंग के जरिए आशीष शाह नामक व्यक्ति ने आनलाइन क्लास भी ली। विवेक को लाग इन करने के लिए यूजर और पासवर्ड भी दिए गए। इसके बाद 101, 201, 301 और 501 रुपये के इनाम दिए गए। प्रार्थी ने इस दौरान अपना अकाउंट नंबर भी दे दिया। 27 नवंबर 23 को अनिल ने आशीष शाह के 300 प्रतिशत फायदे वाले प्लान के बारे में जानकारी दी।

ठग ने चार दिसंबर 2023 को विवेक को इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए लिंक भेजा। प्रार्थी ने फर्जी साइट पर अपना इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग अकाउंट खोल लिया। पहली बार आठ दिसंबर को खाते में पांच लाख, इसके बाद 12 दिसंबर को पांच लाख, 13 दिसंबर को पांच लाख, 20 दिसंबर को पांच लाख, 21 दिसंबर को 10 लाख, 22 दिसंबर 10 लाख, इस तरह से कई बार में 89 लाख रुपये अलग-अलग खाते में डाल दिए। जब प्राफिट नहीं मिला तो इसकी जानकारी लेनी चाही। आरोपितों ने विवेक से बात करना बंद कर दिया। तब ठगी का एहसास हुआ।

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