HIV AIDS को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम, वैज्ञानिकों ने कोशिका से निकाला संक्रमित हिस्सा

HIV AIDS
HIV AIDS वैज्ञानिकों ने एक ऐसा किल स्विच खोज निकाला है, जो एड्स का कारण बनने वाले वायरस को संक्रमित कोशिकाओं के रिप्रोडक्शन का पूरी तरह खात्मा करेगा।
HIV AIDS नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें क्रिस्पर जीन एडिटिंग तकनीक के जरिए कोशिका से एचआईवी को निकालकर अलग करने में सफलता मिल गई है। इस तकनीक का इस्तेमाल आणविक कैंची से संक्रमित हिस्सों को मॉलिक्युलर स्तर पर डीएनए से काटकर अलग कर दिया गया। इससे लाइलाज एचआईवी को भविष्य में जड़ से खत्म किए जाने की संभावना बढ़ गई है। इसे बड़ी कामयाबी इसलिए करार दिया जा रहा है क्योंकि एचआईवी को लेकर अब तक जो दवाएं मौजूद हैं, वे इसे फैलने से रोकती है। शरीर से पूरी तरह खत्म नहीं करती परंतु अब पहली बार वैज्ञानिकों ने कोशिका से एचआईवी को काटकर अलग करने का कारनामा कर दिखाया है।
वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता
लाइलाज बीमारी माने जाने वाले एचआईवी के उपचार की दिशा में वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा किल स्विच खोज निकाला है, जो एड्स का कारण बनने वाले वायरस को संक्रमित कोशिकाओं के रिप्रोडक्शन का पूरी तरह खात्मा करेगा। कोशिकाओं में निष्क्रिय पड़े वायरस को नष्ट करने के लिए आणविक स्विच को नियंत्रित किया जा सकता है। दुनिया भर के वैज्ञानिक दशकों से इसकी खोज में जुटे हुए थे। इस खोज के बाद एचआईवी पीड़ित लोग अब वायरस को खत्म करने के लिए दवाएं ले सकते हैं, लेकिन उपचार नहीं है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में के वैज्ञानिकों की टीम ने यह खोज की है।
मानव कोशिकाओं पर प्रयोगशाला परीक्षणों में वैज्ञानिकों ने पाया कि एक विशेष अणु को नियंत्रित करके निष्क्रिय एचआईवी कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि वे पिछले तीन दशकों से इस स्विच को खोजने की कोशिश कर रहे थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन में मिली सफलता से एड्स को खत्म करने में मदद मिलेगी।
36.9 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित
वर्तमान में, एचआईवी से पीड़ित मरीज जीवन भर दवाएं लेते हैं। वायरस को दबाने के लिए एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी की मदद ली जाती है। लेकिन इसका इलाज अभी तक खोजा नहीं जा सका है। थेरेपी बंद करने के बाद यह वायरस न सिर्फ दोबारा सक्रिय हो जाता है। यह कई गुना तेजी से बढ़ता है और दूसरों को संक्रमित करने या एड्स होने का खतरा भी बढ़ जाता है। आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में अनुमानित 36.9 मिलियन लोग एचआईवी से संक्रमित हैं।
शोधकर्ता डॉ. तारिक राना का कहना है कि शोध महत्वपूर्ण बदलाव किए
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. तारिक राना का कहना है कि यह उस शोध में एक महत्वपूर्ण बदलाव है जिसमें एचआईवी क्षेत्र पिछले तीन दशकों से लगा हुआ है। इस खोज का सबसे दिलचस्प हिस्सा यह है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। इस खोज के माध्यम से अब हमारे पास एचआईवी और एड्स के उन्मूलन के लिए एक संभावित चिकित्सीय लक्ष्य है। बेशक यह वैज्ञानिकों के लिए बड़ी सफलता है, लेकिन इस दिशा में अभी और अध्ययन की जरूरत है।