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SIR के बाद जनगणना..टीचर-क्लर्क समेत 30 लाख कर्मचारियों की लगेगी ड्यूटी

भारत में जनगणना 2027 की तैयारियां जारी हैं. RGI ने 15 जनवरी 2026 तक जनगणना कर्मचारियों का डेटा एकत्र करने और उनके कार्य तय करने के निर्देश दिए हैं. इसमें 30 लाख से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे. RGI ने ‘CMMS’ वेब पोर्टल भी लॉन्च किया है.

देश के कई राज्यों में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SIR) का काम चल रहा है. कई राज्यों में ये काम पूरा हो गया है. इस जनगणना को लेकर भी बड़ा अपडेट सामने आ गया है. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (RGI) ने सभी प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश निर्देश जारी किया है. इसमें 15 जनवरी 2026 तक जनगणना कर्मचारियों का पूरा डेटा एकत्रित करने और उनका काम तय करने का आदेश दिया गया है.

इस निर्देश में बताया कि एक सर्वेक्षक को लगभग 700-800 लोगों का काम सौंपा जाएगा. इसके अलावा हर छह सर्वेक्षक के लिए एक सुपरवाइजर नियुक्त किया जाएगा. किसी भी इमरजेंसी के लिए 10 प्रतिशत रिजर्व सर्वेक्षक और सुपरवाइजर होंगे. जो जरूरत पड़ने पर काम संभालेंगे.

कौन करेगा जनगणना का काम पूरा?

जनगणना का पूरा काम करने को लेकर पहले से ही कई तरह के नियम बने हुए हैं. 1990 के नियम 3 के अनुसार, शिक्षक, क्लर्क या राज्य सरकार और स्थानीय प्राधिकरण आदि के किसी भी अधिकारी को सर्वेक्षक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जबकि एक सुपरवाइजर आमतौर पर एन्यूमरेटर से ऊंचे रैंक का अधिकारी होगा.

केंद्र के अलावा राज्य की तरफ से भी जनगणना अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. जिलों में, जिला कलेक्टर, जिला मजिस्ट्रेट के अलावा और भी अधिकारियों की इसमें ड्यूटी लगाई जा सकती है, जो अपने-अपने क्षेत्र में काम करेंगे.

30 लाख कर्मचारी-अधिकारी करेंगे पूरा काम

देशभर में होने वाली जनगणना में 30 लाख से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी लगने वाले हैं. सभी काम तय किया जाएगा. गांव से लेकर शहर तक अलग-अलग अधिकारी पूरे काम को अंजाम देंगे, जो एक समय सीमा में पूरा काम करेंगे. देशभर की जनगणना का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहला चरण अप्रैल 2026 में शुरू हो सकता है.

इस जनगणना को लेकर RGI ने एक वेब पोर्टल बनाया है, इसका नाम सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (CMMS) फॉर सेंसस 2027 है. इसको बनाने के पीछे की वजह सर्वेक्षकों और सुपरवाइजर की नियुक्ति, उन्हें एन्यूमरेशन ब्लॉक्स और सुपरवाइजरी सर्कल्स सौंपने और फील्ड वर्क की रियल-टाइम प्रोग्रेस जैसी सभी एक्टिविटी को मैनेज और मॉनिटर करना है. इस पोर्टल की मदद से रियल टाइम डेटा के साथ-साथ एक दूसरे से कॉर्डिनेट करना आसान होगा.

कैसे जुटाया जाएगा डेटा

जनगणना का पहला फेज अप्रैल से सितंबर 2026 तक होगा. इसे राज्य सरकारों की सुविधा के हिसाब से 30 दिनों में पूरा किया जाएगा. पॉपुलेशन सर्वेक्षण फरवरी 2027 में होगा, जिसकी रेफरेंस डेट 1 मार्च, 2027 को 00:00 बजे होगी. हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू और कश्मीर के बर्फ के कारण और हिमाचल के कुछ इलाकों में यह काम 1 अक्टूबर 2026 को शुरू हो सकता है.

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